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शिवसेना नेता संजय राउत को जमानत, ईडी को मिली कोर्ट से फटकार

मुंबई। उद्धव ठाकरे की करीबी और शिवसेना के कद्दावर नेता संजय राउत को आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में कोर्ट से मिली जमानत। आज संजय राउत जेल से बाहर आगये। ईडी ने संजय राउत को एक अगस्त २०२२ को गिरफ्तार किया था। संजय राउत को दो लाख के मुचलके पर मिली जमानत। ED ने अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करने का समय माँगा था लेकिन अदालत ने उसे अस्वीकार कर दिया। अदालत ने बिना सुबूत के संजय राउत की गिरफ्तारी को लेकर ईडी को कड़ी फटकार लगाया।

गौरतलब है कि कोर्ट ने जैसे ही संजय राउत को जमानत का ऐलान किया, उनके समर्थकों ने तालियां बजाईं. कोर्ट ने 21 अक्टूबर को जमानत याचिका पर दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। संजय राउत का जेल से निकलने पर कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। उम्मीद है कि वो पहले सिद्धि विनायक मंदिर जाएंगे इसके बाद वो मातोश्री पहुंचेंगे।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ईडी ने कोर्ट में दावा किया था कि अब तक संजय राउत को अपराध की कमाई से 3.27 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। ईडी ने उपनगरीय गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में वित्तीय अनियमितताओं में कथित भूमिका के लिए इस साल राज्य सभा सदस्य संजय राउत को गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें कोर्ट की ओर से न्यायिक हिरासत में भेजा गया था, और अभी वह मध्य मुंबई की आर्थर रोड जेल में हैं. उन्होंने पिछले महीने जमानत मांगी थी, जिसका ईडी ने विरोध किया था।

पात्रा चॉल के नाम से मशहूर सिद्धार्थ नगर उपनगरीय गोरेगांव में 47 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें 672 किरायेदार परिवार हैं। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) ने 2008 में हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) की एक सहयोगी कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसीपीएल) को चॉल के लिए एक पुनर्विकास अनुबंध सौंपा था।


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कमरुद्दीन सिद्दीकी को पत्रकारिता के क्षेत्र में 25 वर्षों का दीर्घ अनुभव प्राप्त है। वे स्नातक हैं और राजनीतिक व सामाजिक विषयों पर निर्भीक लेखन के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कट्टरपंथ, भ्रष्टाचार और अंधविश्वास के विरुद्ध आजीवन संघर्ष करने का संकल्प लिया है। वे अनेक सामाजिक संगठनों से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं और समाज में जागरूकता लाने के लिए निरंतर कार्यरत हैं।

 

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