AIMPLB Protest Today: दिल्ली के जंतर-मंतर पर 13 मार्च 2025 को वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के खिलाफ एक बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ। यह प्रदर्शन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के नेतृत्व में आयोजित किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में मुस्लिम संगठनों, धार्मिक संस्थानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। प्रदर्शन में देशभर के विभिन्न हिस्सों से लोग शामिल हुए, जिनमें उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, केरल, तेलंगाना और कर्नाटक के प्रदर्शनकारी प्रमुख रूप से शामिल थे।
प्रदर्शन की मुख्य मांगें
AIMPLB Protest Today: प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रस्तावित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों के खिलाफ एक साजिश है और इसका मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्डों की शक्ति को कमजोर करना और सरकारी नियंत्रण बढ़ाना है। AIMPLB और अन्य संगठनों ने इस विधेयक को वापस लेने की मांग की है।
AIMPLB Protest Today: प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय की वक्फ संपत्तियों को कमजोर कर उन्हें सरकार के अधीन करने की कोशिश कर रहा है। विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि विधेयक को लाने से पहले मुस्लिम संगठनों से कोई परामर्श नहीं किया गया, जिससे समुदाय में असंतोष फैला है। Waqf Amendment Bill 2024 : वक्फ संशोधन विधेयक किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं- मदनी
विरोध में शामिल प्रमुख नेता और संगठन
AIMPLB Protest Today: इस विरोध प्रदर्शन में AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी, कांग्रेस नेता इमरान मूसद, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी समेत कई मुस्लिम संगठनों के नेता शामिल हुए। इसके अलावा, दारुल उलूम देवबंद, तबलीगी जमात, मुस्लिम स्टूडेंट यूनियन, मुस्लिम यूथ लीग जैसे कई बड़े संगठनों ने प्रदर्शन को समर्थन दिया।
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा,
“यह विधेयक मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों को खत्म करने की सरकार की कोशिश है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और जब तक सरकार इस विधेयक को वापस नहीं लेती, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।”
समाजवादी पार्टी के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी ने भी इस विधेयक को मुस्लिम समुदाय के लिए नुकसानदायक बताया और कहा कि सरकार वक्फ संपत्तियों को जबरन अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश कर रही है।
क्या है वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024?
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 में कुछ प्रावधान ऐसे हैं, जिन्हें लेकर मुस्लिम संगठन नाराज हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं—
- वक्फ बोर्ड की शक्तियों में कटौती: नया विधेयक वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को सीमित करता है और उसे सरकार के अधीन लाने की बात करता है।
- वक्फ संपत्तियों का अधिग्रहण: संशोधन के अनुसार, सरकार को वक्फ संपत्तियों के अधिग्रहण का अधिकार मिल सकता है।
- कानूनी प्रक्रिया की जटिलता: विधेयक में वक्फ संपत्तियों के मामलों को लेकर कानूनी प्रक्रिया को अधिक कठिन बना दिया गया है, जिससे समुदाय को न्याय पाने में मुश्किलें आ सकती हैं।
विरोध प्रदर्शन के दौरान क्या हुआ?
- सुबह 10 बजे से ही बड़ी संख्या में लोग जंतर-मंतर पर जुटने लगे।
- प्रदर्शन में मुस्लिम समुदाय के हजारों लोग शामिल हुए, जिनमें छात्र, बुजुर्ग, धार्मिक नेता और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे।
- प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए—”हमारी वक्फ संपत्तियां हमारी हैं, हमें उनसे वंचित मत करो” और “हम अपने धार्मिक अधिकारों की रक्षा करेंगे।”
- भारी भीड़ को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे और कई इलाकों में बैरिकेडिंग कर दी गई थी।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार ने प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को सुरक्षित करना और उनमें पारदर्शिता लाना है।
संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि,
“AIMPLB और अन्य मुस्लिम संगठनों की चिंताओं को सुना गया है और उनकी मांगों को रिपोर्ट में शामिल किया गया है। इसके बावजूद, विरोध प्रदर्शन किया जाना उचित नहीं है।”
हालांकि, मुस्लिम संगठन इस बयान से संतुष्ट नहीं हैं और उन्होंने कहा कि जब तक विधेयक को पूरी तरह से वापस नहीं लिया जाता, तब तक विरोध जारी रहेगा।
देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी
- 11 मार्च 2025 को कोलकाता में भी इसी विधेयक के खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन हुआ।
- महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
- AIMPLB ने कहा कि अगर सरकार ने विधेयक वापस नहीं लिया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
भविष्य की रणनीति
- AIMPLB और अन्य मुस्लिम संगठनों ने सरकार से तत्काल विधेयक वापस लेने की मांग की है।
- अगर मांगें पूरी नहीं हुईं, तो देशभर में बड़े स्तर पर आंदोलन की तैयारी की जा रही है।
- आने वाले दिनों में और बड़े विरोध प्रदर्शन किए जा सकते हैं, जिसमें देशभर के प्रमुख शहरों में रैलियां आयोजित की जाएंगी।
निष्कर्ष
दिल्ली के जंतर-मंतर पर हुए इस विरोध प्रदर्शन ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर मुस्लिम समुदाय की चिंताओं को सामने रखा है। सरकार और मुस्लिम संगठनों के बीच इस मुद्दे को लेकर मतभेद जारी हैं। अब देखना यह होगा कि क्या सरकार इस विधेयक में बदलाव करेगी या नहीं। अगर सरकार ने इस विधेयक को आगे बढ़ाया, तो आने वाले दिनों में विरोध और तेज हो सकता है। वहीं, मुस्लिम संगठन इसे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों को सुरक्षित रखने के संघर्ष के रूप में देख रहे हैं।
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