Breaking News: दिल्ली हाई कोर्ट ने दक्षिणी दिल्ली के ओखला स्थित बटला हाउस इलाके में 7 संपत्तियों को तोड़े जाने से रोकते हुए अंतरिम राहत प्रदान की है। न्यायमूर्ति राजनीश कुमार गुप्ता की एकल पीठ ने संपत्ति मालिकों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इन संपत्तियों के लिए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया और मामले को आगामी 10 जुलाई 2025 को अन्य याचिकाओं के साथ सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
🔍 मामला क्या है?
Breaking News: डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) और दिल्ली सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के 7 मई 2025 के आदेश के तहत कसरा संख्या 279 (मुराद रोड, बटला हाउस) के अंतर्गत कथित अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई की जा रही है। डीडीए ने दावा किया है कि ये सभी संपत्तियाँ अवैध रूप से इस भूमि पर बनी हैं।
लेकिन याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में तर्क दिया कि:
कुछ संपत्तियाँ उस कसरा संख्या में आती ही नहीं हैं, यानी वह क्षेत्र डीडीए के निशाने से बाहर है।
कुछ संपत्तियाँ पीएम-उदय योजना (PM-UDAY) के अंतर्गत आती हैं, जो बस्तियों के वैधता की प्रक्रिया का हिस्सा हैं।
डीडीए ने बिना किसी व्यक्तिगत नोटिस के अचानक तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी थी।
कुछ घरों को पीले निशान (तोड़े जाने के संकेत) भी दे दिए गए थे, जबकि उनके मालिकों को कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला।
⚖️ कोर्ट का रुख
कोर्ट ने माना कि:
Breaking News: बिना समुचित प्रक्रिया और व्यक्तिगत नोटिस के किसी भी संपत्ति को तोड़ा नहीं जा सकता।
पहले भी कुछ अन्य याचिकाओं में अदालत ने 11 जून और 13 जून को अंतरिम राहत दी थी।
हर संपत्ति की स्थिति अलग-अलग है, इसलिए एक सामान्य जनहित याचिका के बजाय व्यक्तिगत याचिकाओं के माध्यम से मामला तय किया जाएगा।
📅 आगे क्या होगा?
अगली सुनवाई 10 जुलाई 2025 को होगी।
डीडीए और अन्य पक्षों को इस दौरान जवाब दाखिल करने का समय मिला है।
तब तक सभी सातों संपत्तियों पर कोई तोड़फोड़ नहीं की जाएगी।
🧾 याचिकाकर्ताओं के नाम
इस मामले में जिन लोगों को अंतरिम राहत मिली है, उनमें हीना परवीन, ज़ीनत कौसर, रुख़साना बेगम, निहाल फातिमा, सुफियाँ अहमद और साजिद फखर प्रमुख हैं।
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