BSEB Exam Result: कैमूर की जुड़वा बहनें नौशीन और यास्मीन ने रचा इतिहास, ज़िले में हासिल किया दूसरा और तीसरा स्थान
BSEB Exam Result: कैमूर जिले के सिकंदपुर गांव की जुड़वा बहनों, नौशीन नाज और यास्मीन नाज ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट परीक्षा में कला संकाय (Arts Stream) में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। नौशिन नाज ने 464 अंक प्राप्त कर जिले में दूसरा स्थान, जबकि उनकी बहन यास्मिन नाज ने 460 अंक प्राप्त कर तीसरा स्थान प्राप्त किया। दोनों बहनों की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार और गांव बल्कि पूरे कैमूर जिले के लिए गर्व का विषय बन गई है।
गांव से लेकर जिले तक जश्न का माहौल
BSEB Exam Result: इनकी सफलता की खबर मिलते ही सिकंदपुर गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। परिवारवालों, शिक्षकों और ग्रामीणों ने मिठाइयां बांटकर दोनों बहनों की उपलब्धि का जश्न मनाया। कैमूर जिले के शिक्षा अधिकारियों ने भी उनके प्रदर्शन की सराहना की और उन्हें सम्मानित करने की घोषणा की।
संघर्ष और मेहनत से मिली कामयाबी
BSEB Exam Result: नौशिन और यास्मिन नाज ने सीमित संसाधनों और चुनौतियों के बावजूद कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के बल पर यह सफलता प्राप्त की। दोनों बहनें एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं, जहां शिक्षा के लिए अधिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं। इसके बावजूद उन्होंने समर्पण और अनुशासन के साथ पढ़ाई की और शानदार प्रदर्शन किया।
उनकी सफलता का श्रेय उनके माता-पिता और शिक्षकों को जाता है, जिन्होंने कठिनाइयों के बावजूद उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया।
आगे की योजना – सिविल सर्विस का सपना
BSEB Exam Result: नौशिन और यास्मिन दोनों सिविल सर्विस (UPSC/BPSC) की तैयारी करना चाहती हैं और समाज के लिए कुछ बड़ा करने का सपना देखती हैं। उनके अनुसार, वे शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में योगदान देना चाहती हैं, ताकि अन्य लड़कियां भी अपने सपनों को पूरा कर सकें।
प्रशासन और शिक्षा विभाग ने दी बधाई
कैमूर जिले के शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन ने भी दोनों छात्राओं की सफलता की सराहना की। जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने कहा,
“यह बेटियों की मेहनत और लगन का परिणाम है। इनकी सफलता यह संदेश देती है कि अगर लड़कियों को सही मार्गदर्शन और सहयोग मिले, तो वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं।”
परिवार और शिक्षकों की खुशी
नौशिन और यास्मिन के माता-पिता ने कहा कि उन्हें अपनी बेटियों पर गर्व है। उनके पिता ने कहा,
“हमने हमेशा अपनी बेटियों को प्रोत्साहित किया है कि वे आगे बढ़ें और शिक्षा को अपनी ताकत बनाएं। उनकी सफलता से हमारा सिर गर्व से ऊंचा हो गया है।”
उनकी शिक्षिका ने बताया,
“दोनों बहनें शुरू से ही मेहनती और लगनशील रही हैं। उनकी सफलता साबित करती है कि मेहनत कभी बेकार नहीं जाती।”
गांव की अन्य छात्राओं के लिए प्रेरणा
सिकंदपुर गांव में आमतौर पर लड़कियों की शिक्षा को अधिक प्राथमिकता नहीं दी जाती थी, लेकिन नौशिन और यास्मिन की सफलता ने इस सोच को बदल दिया है। अब गांव के अन्य अभिभावक भी अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
निष्कर्ष
नौशिन और यास्मिन नाज की सफलता यह साबित करती है कि अगर सच्ची मेहनत और लगन हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे कैमूर जिले के लिए गर्व की बात है। उनकी सफलता से यह संदेश जाता है कि शिक्षा ही सबसे बड़ा हथियार है, जो जीवन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है।
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