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Muzaffar Nagar School Case: स्कूल की शिक्षिका द्वारा मुस्लिम छात्र को पिटवाने का मामला, पिता ने कहा, नहीं चाहते माहौल खराब हो!

Muzaffar Nagar School Case: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से दिल दहला देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वाइरल हो रहा है। वीडियो में एक निजी स्कूल में एक मुस्लिम छात्र की दूसरे छात्रों द्वारा क्लास टीचर के सामने पिटाई करवाया जा रहा है। वीडियो सोशल मीडिया पर कल से वाइरल हो रहा था। सोशल मीडिया पर वाइरल हो रहे वीडियो में यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि मुस्लिम छात्र को क्लास में खड़ा करके क्लास टीचर द्वारा क्लास के अन्य बच्चों द्वारा छात्र को पीटने के लिए कहा जा रहा है। वीडियो वाइरल होने के बाद लोग सोशल मीडिया पर तरह तरह के कमेंट्स कर रहे हैं।

Muzaffar Nagar School Case: गौरतलब है कि 25 अगस्त 2023 को सोशल मीडिया पर एक वीडियो हो रहा था जिसमें उत्तर प्रदेश के जिला मुज़फ्फरनगर के ग्राम खुब्बापुर के नेहा स्कूल की एक महिला शिक्षिका तृप्ति त्यागी द्वारा क्लास अन्य छात्रों द्वारा एक मुस्लिम छात्र को पिटवाया जा रहा है। वीडियो में शिक्षिका तृप्ति त्यागी द्वारा पीड़ित छात्र पर धार्मिक टिप्पड़ी भी की जा रही है। सोशल मीडिया पर मिली जानकारी के अनुसार पीड़िता छात्र के पिता अरशद और गांव अन्य मुस्लिम समाज के लोगों ने अपने बच्चों को नेहा स्कूल भेजने से मना कर दिया है। सोशल मीडिया पर वीडियो को देख कर लोग चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

Muzaffar Nagar School Case: पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शिक्षिका तृप्ति त्यागी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया है। शिक्षिका तृप्ति त्यागी का कहना है कि वीडियो को एडिट किया गया है। मेरी पूरी बात को नहीं दिखाया गया है, हाँ मेरे से छात्र को दूसरे छात्रों से पिटवाने की गलती हुई है। मैं विकलांग हूँ, उठा नहीं सकती इस लिए ऐसा किया।

राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी मामले को संज्ञान में लेते हुए अपने प्रतिनिधि को तत्काल पीड़ित छात्र के परिवार से मिलने के लिए भेजा और पीड़ित छात्र के पिता से बात करके आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।

Muzaffar Nagar School Case: मशहूर टीवी न्यूज़ एंकर रुबिका लियाकत ने लिखा कि -ये तस्वीरें किसी भी माँ को अंदर से कचोट कर रख सकती हैं.. जब एक टीचर इतना घिनौना काम करती है तो दुख बढ़ना लाज़मी है.. तृप्ति त्यागी नाम की इस महिला को मुसलमान बच्चों से कुछ ख़ास नफ़रत लग रही है। एक मासूम बच्चा रोता-बिलखता क्लास के सामने खड़ा है और एक-एक कर बच्चे आकर उसे पीट रहे हैं।
मामला मुज़फ़्फ़रनगर के नेहा पब्लिक स्कूल का है..
पिता ने केस दर्ज करवाने से इंकार कर दिया है, कह रहे हैं कि मामला सुलझ गया है लेकिन इस महिला को पढ़ाने का कोई हक़ नहीं होना चाहिए। इस देश को आगे बढ़ना है तो मुसलमानों का पढ़ना बहुत ज़रूरी है और उनकी पढ़ाई में बाधा डालने वाला देश का भला नहीं कर सकता है।

एमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया है कि –
मुज़फ़्फ़रनगर का वीडियो जिसमें एक शिक्षिका अपने छात्रों से एक मुस्लिम लड़के को थप्पड़ मारने के लिए कह रही है, पिछले 9 वर्षों का उत्पाद है। छोटे बच्चों के दिमाग में यह संदेश डाला जा रहा है कि कोई भी किसी मुस्लिम को बिना किसी परिणाम के पीट सकता है, और अपमानित कर सकता है।
बच्चे के पिता ने अपने बच्चे को स्कूल से निकाल लिया है और लिखित में दिया है कि वह इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते क्योंकि उन्हें पता है कि उन्हें न्याय नहीं मिलेगा और इसके बजाय इससे “माहौल” खराब हो सकता है। ये कौन लोग हैं जो अपने बच्चे के लिए न्याय मांग रहे एक पिता पर माहौल को “खराब” करेंगे? यह एक अभियोग है।
नियम यह है कि लोगों को उचित प्रक्रिया पर भरोसा नहीं है। इस बात की अधिक संभावना है कि शिक्षक को दंडित होने के बजाय कोई सरकारी पुरस्कार मिलेगा। किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 75 स्पष्ट है।
अन्यथा वे स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करने में तत्पर रहते हैं लेकिन यहां उन्होंने कुछ नहीं किया है। कथित तौर पर, एनसीपीसीआर न्याय सुनिश्चित करने के बजाय वीडियो के वायरल होने को लेकर अधिक चिंतित है। बुलडोज़र और “ठोक दो” का क्या हुआ?

प्रख्यात कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट किया की-हद्द है बदतमीज़ी की।ये महिला तो शिक्षिका के नाम पर कलंक है। एक मासूम बचपन के मन में जो अनकही पीड़ा इस महिला ने रौंपी है वह इसके स्त्री-मन पर भी संदेह पैदा करती है। लानत है ऐसी शिक्षिका पर जो नौनिहालों को मन में सांप्रदायिक सोच का बीजारोपण करती हो। पुलिस को इसे कड़ी से कड़ी सजा दिलाना सुनिश्चित करना चाहिए।

https://twitter.com/DrKumarVishwas/status/1695109223036932528?s=20

कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने लिखा कि – मासूम बच्चों के मन में भेदभाव का ज़हर घोलना, स्कूल जैसे पवित्र स्थान को नफ़रत का बाज़ार बनाना – एक शिक्षक देश के लिए इससे बुरा कुछ नहीं कर सकता। ये भाजपा का फैलाया वही केरोसिन है जिसने भारत के कोने-कोने में आग लगा रखी है। बच्चे भारत का भविष्य हैं – उनको नफ़रत नहीं, हम सबको मिल कर मोहब्बत सिखानी है।


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कमरुद्दीन सिद्दीकी को पत्रकारिता के क्षेत्र में 25 वर्षों का दीर्घ अनुभव प्राप्त है। वे स्नातक हैं और राजनीतिक व सामाजिक विषयों पर निर्भीक लेखन के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कट्टरपंथ, भ्रष्टाचार और अंधविश्वास के विरुद्ध आजीवन संघर्ष करने का संकल्प लिया है। वे अनेक सामाजिक संगठनों से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं और समाज में जागरूकता लाने के लिए निरंतर कार्यरत हैं।

 

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