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Delhi News: पटरी पर चलने वाली अवैध मीट और मछली की दुकानों पर पाबंदी, मंत्री प्रवेश वर्मा

Delhi News: नई दिल्ली। दिल्ली में गैरकानूनी रूप से संचालित मीट और मछली की दुकानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। राज्य मंत्री प्रवेश वर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बिना लाइसेंस के चल रही इन दुकानों को तुरंत हटाया जाए और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

Delhi News: यह फैसला राजधानी में स्वच्छता, सार्वजनिक स्वास्थ्य और धार्मिक स्थलों के पास अवैध मीट बिक्री को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है। इस कार्रवाई को लेकर बीजेपी विधायक करनैल सिंह ने भी समर्थन दिया और धार्मिक स्थलों के आसपास चल रही इन दुकानों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की।

कैसे और क्यों लिया गया यह फैसला?

दिल्ली में अवैध मीट और मछली की दुकानों को हटाने का यह फैसला कई महत्वपूर्ण कारणों के चलते लिया गया है:

  1. स्वास्थ्य और स्वच्छता:
    बिना लाइसेंस के चल रही कई मीट और मछली की दुकानें सफाई के मानकों का पालन नहीं करती हैं।
    सड़कों और सार्वजनिक स्थलों के पास खुले में मांस बेचा जाता है, जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
    कई इलाकों में खराब गुणवत्ता वाला मांस बेचा जा रहा था, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
  2. धार्मिक स्थलों के पास अवैध दुकानें:
    कई मंदिरों, गुरुद्वारों और अन्य धार्मिक स्थलों के पास बिना अनुमति के मीट और मछली की दुकानें चल रही थीं।
    धार्मिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने इन दुकानों को हटाने की मांग की थी।
    बीजेपी विधायक करनैल सिंह ने दिल्ली प्रशासन से अनुरोध किया कि धार्मिक स्थलों के पास इस तरह की दुकानों पर प्रतिबंध लगाया जाए।
  3. नगर निगम के नियमों का उल्लंघन:
    दिल्ली नगर निगम (MCD) के नियमों के अनुसार, मीट और मछली की दुकानों को लाइसेंस के बिना नहीं चलाया जा सकता।
    लेकिन कई इलाकों में बिना लाइसेंस के अवैध रूप से दुकानें चल रही थीं।

किन इलाकों में होगी कार्रवाई?

नगर निगम और पुलिस की टीमें दिल्ली के कई इलाकों में छापेमारी कर रही हैं और अवैध मीट व मछली की दुकानों को हटाया जा रहा है।

  1. पुरानी दिल्ली: चांदनी चौक, जामा मस्जिद, दरियागंज, पहाड़गंज
  2. दक्षिण दिल्ली: ओखला, जाकिर नगर, नेहरू प्लेस, कालकाजी
  3. पूर्वी दिल्ली: लक्ष्मी नगर, कृष्णा नगर, गाजीपुर
  4. पश्चिम दिल्ली: नांगलोई, तिलक नगर, जनकपुरी
  5. उत्तरी दिल्ली: आजादपुर, कश्मीरी गेट, सिविल लाइंस

विशेष ध्यान उन दुकानों पर दिया जा रहा है जो धार्मिक स्थलों के आसपास संचालित हो रही थीं।

प्रवेश वर्मा का बयान

मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा:
Delhi News: “दिल्ली में अवैध मीट और मछली की बिक्री पर रोक लगाना जरूरी था। यह न केवल स्वच्छता और स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है, बल्कि धार्मिक भावनाओं से भी जुड़ा है। जिन दुकानों के पास लाइसेंस नहीं है, उन्हें तुरंत हटाया जाएगा। जो नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

बीजेपी विधायक करनैल सिंह की प्रतिक्रिया

बीजेपी विधायक करनैल सिंह ने कहा:
“धार्मिक स्थलों के पास अवैध रूप से मीट और मछली बेचना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला भी है। हमने सरकार से मांग की थी कि इन दुकानों को हटाया जाए। सरकार का यह कदम सही दिशा में लिया गया एक महत्वपूर्ण निर्णय है।”

अधिकारियों और नगर निगम की कार्यवाही

दिल्ली नगर निगम (MCD) की टीम ने कई इलाकों में छापेमारी कर अवैध मीट और मछली की दुकानों को सील करना शुरू कर दिया है।
नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया:
“अवैध रूप से संचालित मीट की दुकानों को हटाने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है। जिन दुकानों के पास लाइसेंस नहीं है, उन पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।”
दिल्ली पुलिस को भी धार्मिक स्थलों के पास चल रही दुकानों पर विशेष नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।

मीट विक्रेताओं का क्या कहना है?

दिल्ली में मीट और मछली बेचने वाले कई विक्रेताओं ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है।

अवैध दुकानों के मालिकों का कहना है कि उन्हें नोटिस दिए बिना दुकानें हटाई जा रही हैं।
कुछ दुकानदारों का कहना है कि “हम वर्षों से इस धंधे में हैं, लेकिन हमें उचित समय नहीं दिया गया। हमें लाइसेंस लेने का मौका मिलना चाहिए।”
वहीं, लाइसेंस प्राप्त दुकानदारों का कहना है कि यह फैसला सही है, क्योंकि अवैध दुकानों के कारण उनका व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा था।

क्या लाइसेंस प्राप्त दुकानों पर असर पड़ेगा?

दिल्ली सरकार और नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि सिर्फ अवैध दुकानों को हटाया जा रहा है।

जिन दुकानदारों के पास वैध लाइसेंस और स्वच्छता मानकों का पालन करने की अनुमति है, उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
अधिकारियों ने कहा कि “अगर कोई दुकानदार सभी नियमों का पालन करता है, तो उसे चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन अवैध कारोबार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

क्या होगा अगला कदम?

नगर निगम जल्द ही नई गाइडलाइंस जारी करेगा, जिसमें स्पष्ट किया जाएगा कि कौन-सी जगहों पर मीट और मछली की दुकानें चलाई जा सकती हैं।
सरकार धार्मिक स्थलों के पास मीट की बिक्री पर स्थायी प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है।
नगर निगम की टीमें लगातार निरीक्षण करेंगी और जो दुकानदार अवैध रूप से मीट बेचना शुरू करेंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


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कमरुद्दीन सिद्दीकी को पत्रकारिता के क्षेत्र में 25 वर्षों का दीर्घ अनुभव प्राप्त है। वे स्नातक हैं और राजनीतिक व सामाजिक विषयों पर निर्भीक लेखन के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कट्टरपंथ, भ्रष्टाचार और अंधविश्वास के विरुद्ध आजीवन संघर्ष करने का संकल्प लिया है। वे अनेक सामाजिक संगठनों से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं और समाज में जागरूकता लाने के लिए निरंतर कार्यरत हैं।

 

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