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डॉ भीमराव अम्बेडकर ने सोचा भी नहीं था कि 21वीं सदी के भारत में 81 करोड़ गरीबों को पेट पालना मुश्किल होगा – मायावती

देश में रोटी – रोजी के अभाव के साथ ही महंगाई की जबरदस्त मार के कारण आमदनी अठन्नी भी नहीं परन्तु खर्चा रुपया होने के कारण गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारी, किसान, मध्यम वर्ग सहित समस्त मेहनतकश समाज के हालात त्रस्त एवं चिन्ताजनक है। जिसके मद्देनजर ही 81 करोड़ से अधिक गरीब व जरूरतमन्द लोगों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न के जीवन का मोहताज बना देने जैसी दुर्दशा ना तो देश की आज़ादी का सपना था, और ना ही यह मानवतावादी समतामूलक संविधान बनाते समय भारतरत्न परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने ही सोचा था ।

लखनऊ। आज देश के संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में बसपा सुप्रीमों बहन मायावती ने बाबा साहब की प्रतिमा पर अपार श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद देशवासियों को सन्देश दिया। 6 दिसम्बर 2023, बुधवार देश में रोटी-रोजी के अति-अभाव से त्रस्त एवं अभिशप्त हालात को स्वीकार करते हुये यहाँ के 81 करोड़ से अधिक गरीब व जरूरतमन्द परिवारों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न के जीवन पर मोहताज बना देना, लोगों की ऐसी दुर्दशा ना तो देश की आज़ादी का सपना था और ना ही यह मानवतावादी संविधान के निर्माता परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने भी कभी ऐसा सोचा था, लेकिन विभिन्न चुनाव परिणामों से लगता है कि ये दबे-कुचले व उपेक्षित लोग अगर अपने परिवार के ऐसे बेहाल / बदहाल जीवन से खुश नहीं हैं, लेकिन क्या वे लोग इतना साहस भी नहीं दिखा पा रहे हैं कि वे चुनाव में अपना विरोध दर्ज कराकर सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की नीतियों पर चलने वाली देशहित की अच्छी सरकार चुनने का सार्थक प्रयास कर सकें?

इसको इस बात से भी बल मिलता है कि चुनाव में समय का माहौल अलग लेकिन चुनाव परिणाम का उससे बिल्कुल अलग, ऐसा क्यों और कैसे ? यह भी ऐसा नया मुद्दा है जिस पर जन-चिन्तन जरूरी है। अर्थात् कुल मिला कर देश की ज्वलन्त समस्या व वास्तविक चिन्ता यही है कि क्या सरकार की गलत नीतियों व कार्यक्रमों के कारण करीब 100 करोड़ गरीब, मजदूर, अशिक्षित और पछाड़े जा रहे लोगों के बल पर ही सरकारी दावों के मुताबिक भारत विकसित देश बनने का सपना देखेगा? महंगाई की जबरदस्त मार से हर दिन जुझ रहे दुःखी व पीड़ित देश की अधिकतर जनसंख्या गरीब, मजदूर, बेरोजगार एवं शिक्षा व स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधा के अभाव से पीड़ित, किन्तु देश के आगे बढ़ने व विकास करने आदि का सरकारी दावा यह कैसे संभव ? केन्द्र व यूपी सरकार के पास धन का अभाव नहीं किन्तु लोगों का जीवन गरीबी, बेरोजगारी व तंगी से बदहाल, यह कैसा विकास ?

यह बातें देश के उपेक्षित बहुजनों के आत्म सम्मान एवं स्वाभिमान की प्रतीक तथा बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने, देश के समतामूलक संविधान के महान शिल्पी, भारतरत्न, बोधिसत्व परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को आज उनके परिनिर्वाण (पुण्यतिथि ) दिवस पर शत् शत् नमन एवं अपार श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद अपने संदेश में कही, जो हकीकत वास्तव में कुछ मुट्ठीभर शासक वर्ग के
जातिवादी लोगों तथा पूंजीपतियों व धन्नासेठों को छोड़कर बाकी सभी लोगों को हर दिन चुभतह हैं। साथ ही, सुश्री मायावती जी ने उन्हें याद भी दिलाया कि बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के आह्वान के अनुसार सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त नहीं कर पाने का ही यह ऐसा दुःखद व चिनताजनक परिणाम आज सबके सामने है, जिसपर और ज्यादा पछताने के बजाय चुनावी सफलता अर्जित करने में अपनी ताकत को लगाना बहुत जरूरी है, वरना संकीर्ण, जातिवादी व साम्प्रदायिक तत्व सत्ता को उसके हकदारों से दूर रखने में सफल होते चले जायेंगे, जैसाकि अभी हाल के विधानसभा के आमचुनावों में भी स्पष्ट रूप से देखने को मिला है।

इसके साथ ही कुमारी मायावती ने कहा कि ‘बहुजन समाज’ का लगातार ग़रीब, बेरोजगार, शोषित- पीड़ित, उपेक्षित, लाचार मजबूर और सत्ता से दूर रहना यह साबित करता है कि देश की सत्ताधारी पार्टियों ने शिक्षा और सरकारी नौकरी में आरक्षण सहित इन्हें इनका कानूनी हक देने के उत्तरदायित्व को कभी भी सही से नहीं निभाया है जिस कारण वे लोग आज भी सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक व शैक्षणिक स्तर पर आत्मनिर्भर नहीं बन पायें है, जैसाकि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का संविधान की मार्फत प्रयास था।

जबकि इन वर्गों के वोट की ख़ातिर विरोधी पार्टियाँ हमेशा हर प्रकार का छल और छलावा आदि करते रहते हैं, और जिस कारण ही अन्ततः यहाँ देश में बहुजन समाज पार्टी स्थापित करने की जरूरत हुई, जिससे बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के निधन बाद बहुत लम्बे समय तक उनका रुका कारवाँ देश भर में आगे बढ़ा और उत्तर प्रदेश में सत्ता बनाने का कीर्तिमान स्थापित कर करोड़ों लोगों में आत्म विश्वास का संचार हुआ, किन्तु अब उसे आगे न बढ़ने देने का हर प्रकार का षडयंत्र लगातार जारी है। बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का प्रयास देश के गरीबों, दलित, आदिवासी, पिछड़े, महिलाओं व अन्य मेहनतकश समाज के लोगों की एकजुटता तथा उनके वोट की ताकत के बल पर उन्हें सत्ता की मास्टर चाबी देकर देश का दीर्घकालीन वास्तविक विकास और उत्थान करना था, जो लक्ष्य अधूरा है और जिसके लिए कांग्रेस व भाजपा जैसी विरोधी पार्टियों पर कतई भी भरोसा नहीं किया जा सकता है।

जब कि इन मानवीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बी.एस.पी. की यहाँ उत्तर प्रदेश में रही सरकारों में सर्वसमाज के गरीबों, शोषितों – पीड़ितों व उपेक्षितों को उनके मानवीय एवं कानूनी हक के लिए सरकार तत्पर रही अर्थात् सबके साथ न्याय-अन्याय-अत्याचार किसी के साथ नहीं के लिए कानून द्वारा कानून का राज कागजों पर नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर पूरी तरह से कायम था। इतना ही नहीं बल्कि परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को उनकी महानता को सलाम करते हुए उनके आदर-सम्मान में यहाँ यूपी की राजधानी लखनऊ व दिल्ली सीमा पर गौतम बुद्ध नगर जिला के नोएडा में विश्व स्तरीय एवं ऐतिहासिक स्थल / स्मारक / पार्क आदि के साथ-साथ उनके नाम से नया जिला शिक्षण संस्थायें, प्रतिमा आदि स्थापित किये गये, जिनमें “डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल”, गोमती नगर, लखनऊ तथा राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल व ग्रीन गार्डेन” आदि प्रमुख हैं। डा. भीमराव अम्बेडकर ग्राम विकास योजना के तहत् दूर-दराज के हजारों उपेक्षित गाँवों को पक्की सड़क, बिजली, पानी, पक्की नाली, सामुदायिक केन्द्र सहित 18 बुनियादी सुविधाओं से कैसे करके उन्हें विकसित किया गया।

कुमारी मायावती द्वारा इससे पहले आज सुबह यहाँ बी. एस. पी. केन्द्रीय कैम्प कार्यालय, 9 माल एवेन्यू में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के वरिष्ठ लोगों के साथ, ‘बाबा साहेब डा. अम्बेडकर अमर रहे तथा डा. अम्बेडकर आपका मिशन अधूरा, बीएसपी करेगी पूरा’ आदि बुलन्द नारों के बीच परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को बौद्ध भिक्षुओं (संतों) की मौजूदगी व उनके द्वारा मंत्रोच्चार के बीच शत्-शत् नमन, अपार श्रद्धा सुमन व पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद देश के उन तमाम लोगों का तहेदिल से आभार प्रकट किया जो बाबा साहेब की अनुयाई पार्टी बी.एस.पी. के माध्यम से उनके मिशनरी कारवाँ को आगे बढ़ाकर के महान लक्ष्य की प्राप्ति के लिए तन, मन, धन से लगे हुये है। उन्होंने कहा कि आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के मानवतावादी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उन सबकी मेहनत जरूर रंग लायेंगी और वे लोग अपना उद्धार स्वंय करने योग्य जरूर बनेंगे ।

कुमारी मायावती ने खासकर पश्चिमी यूपी के आगरा, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ तथा सहारनपुर इन छह मण्डलों के लोगों का पहली बार सामूहिक तौर पर नोएडा में बी. एस. पी. की सरकार द्वारा दिल्ली – यूपी सीमा पर निर्मित भव्य “राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल व ग्रीन गार्डेन” में तथा यूपी के शेष 12 मण्डलों के पार्टी के लोगों द्वारा राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के तट पर स्थापित भव्य, विशाल एवं विश्व विख्यात “डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल” प्रांगण में स्थित “डा. अम्बेडकर स्मारक” में अपने मसीहा को भावभीनी श्रद्धांजलि व अपार श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए घनी बदली, बरसात व खराब मौसम का सामना करते हुए पहुँचे।


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कमरुद्दीन सिद्दीकी को पत्रकारिता के क्षेत्र में 25 वर्षों का दीर्घ अनुभव प्राप्त है। वे स्नातक हैं और राजनीतिक व सामाजिक विषयों पर निर्भीक लेखन के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कट्टरपंथ, भ्रष्टाचार और अंधविश्वास के विरुद्ध आजीवन संघर्ष करने का संकल्प लिया है। वे अनेक सामाजिक संगठनों से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं और समाज में जागरूकता लाने के लिए निरंतर कार्यरत हैं।

 

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