बहराइच हिंसा में रामगोपाल मिश्रा की हत्या के आरोपी सरफराज और तालीम का यूपी पुलिस ने नेपाल सीमा पर एनकाउंटर करने का दावा किया है। पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद और उसके दो बेटे नेपाल भागने की योजना बना रहे थे।
Bahraich Violence: मूर्ति विसर्जन के दौरान दंगाइयों द्वारा एक मुस्लिम परिवार के घर में घुस कर लूटपाट और घर की छत पर धार्मिक झंडे को उखाड़ कर भगवा झंडा फराने को लेकर शुरू हुए विवाद में रामगोपाल मिश्रा की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी, जिससे पूरे क्षेत्र में तनाव फैल गया। हालाँकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि गोली किसने चलाया। पुलिस प्रथम दृष्टया घर के मालिक को आरोपी बना कर कर मामले की जाँच में जुटी हुई है, जोकि संदिग्ध परिस्थितियों में आगे की कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने घर के मालिक अब्दुल हमीद के परिवार के दो लड़कों को मुठभेड़ में गिरफ्तार करने का दावा किया है, जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से योजनाबद्ध थी। पुलिस के अनुसार, दोनों लड़कों के पैर में गोली लगी है, उपचार के लिए उनेह अस्पताल में भर्ती किया गया है जहाँ उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन परिवार के सदस्य उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इलाके में तनाव को संभालने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और समुदाय में शांति बनाए रखने के लिए संवाद का प्रयास किया जा रहा है।
दंगाईयों को नहीं ढूंढ पायी पुलिस
Bahraich Violence: मूर्ति विसर्जन के दौरान यूपी के बहराइच में हुई हिंसा के मास्टर माइंड को यूपी पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पायी है। दंगाइयों मुसलमानों के सैकड़ों घरों को आग के हवाले कर दिया, पुलिस की मौजूदगी में जम कर लूट पाट हुई, महिलाओं की इज्जत लूटी गयी और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। सोशल मीडिया पर पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं और लोग पुलिस की आलोचना कर रहे हैं।
बहराइच में क्या हुआ था?
Bahraich Violence: आपको बता दें कि पिछले रविवार को दुर्गा पूजा विसर्जन जुलूस के दौरान एक पूजा स्थल के बाहर तेज आवाज में संगीत बजाने को लेकर बहराइच की महसी तहसील के महाराजगंज में हिंसा भड़क उठी थी। पुलिस के अनुसार हिंसा में गोली लगने से 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई थी। घटना के बाद इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी शुरू हो गई और गुस्साई भीड़ ने कई घरों, दुकानों, शोरूम, अस्पतालों और वाहनों को आग लगा दी।
पुलिस अधिकारी वृंदा शुक्ल की सूझ बूझ से बची सैकड़ों लोगों की
बहराइच के महराजगंज में मूर्ति विसर्जन के दौरान एक युवक की गोली लगने से हुई मौत के बाद जब हालात बेकाबू हो गए, दंगाईयों की संख्या बढ़ने लगी, चरों तरफ आगजनी और लूटपाट शुरू हो गयी, जान बचाने के लिए लोग घरों से निकल कर इधर उधर भागने लगे। ऐसे समय में जांबांज आईपीएस अधिकारी वृंदा शुक्ला ने अपनी सूझबूझ से महिलों, बुजुर्गों और बच्चों को पुलिस की गाडी में भर भर कर सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया जिसके कारण लोगों की जान बच पायी।
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.