दिल्ली। उत्तर प्रदेश के इटावा जिला में तैनात सिपाही सोनू चौधरी वेदपुरा में तैनात हैं। पत्नी पन्द्र दिनों से बीमार थी जिसके इलाज के लिए सोनू ने विभाग से छुट्टी माँगा लेकिन विभाग ने छुट्टी को मंजूर नहीं किया। जिसके कारण सिपाही सोनू अपनी बीमार पत्नी की देखभाल नहीं कर पा रहे थे। बुधवार को सिपाही सोनू चौधरी अपनी बीमार पत्नी को छोड कर ड्यूटी पर चले गए और घर में बीमार पत्नी बेसुध पड़ी थी और छोटा बेटा हर्षित खेलने के लिए बाहर निकल गया, खेलते समय हर्षित किसी पानी से भरे गड्ढे में गिर गया और बचाव के लिए कोई नहीं पहुंचा जिसके कारण बेटा हर्षित की मौत हो गयी।
ड्यूटी से लौटने के बाद सिपाही सोनू चौधरी ने घर पहुँचने के बाद जब बेटे को नहीं पाया तो ढूँढना शुरू किया। आसपास के लोगों से मदद मांगी, लोगों ने कालोनी के चरों तरफ ढूँढना शुरू किया तब कालोनी के पास के गड्ढे में बच्चे हर्षित का शव बरामद हुआ। बेटे के शव को देख कर पिता बेहोश हो गया और कालोनी के लोगों की भी चीखें निकल पड़ीं। घर में बीमार पत्नी और सामने एकलौते बेटे का शव हृदयविदारक दृश्य देख कर हर किसी के आंख से आंसू निकल रहा था।
सोनू चौधरी ने साहस जुटाया और बेटे का शव गोद में लेकर पैदल ही जिला मुख्यालय के लिए निकल पड़े। एसएसपी कार्यालय पहुंचने के बाद मिलने के लिए चिल्लाते रहे किसी को आभास ही नहीं हुआ कि एक पिता अपनी गोद में मासूम का शव ले कर न्याय मांगने आया है। जब एसएसपी कार्यालय के बाहर खड़े लोगों को पता चला तो लोगों के पैरों के निचे से जमीन निकल गयी। मजबूर पिता रोता और बिलखता रहा और एसएसपी से मिलने की ज़िद करता रहा कि अचानक एसएसपी साहब भी आ गए, पीड़ित पिता ने सीधा आरोप लगाया कि छुट्टी नहीं मिलने से मेरे बेटे की जान चली गयी लेकिन निर्दयी व्यवस्था के सामने सर पटकने से कुछ नहीं होता है। व्यवस्था ने मामले की जाँच का भरोसा दिया और पीड़ित सिपाही उदास और निराश अपने बेटे की लाश ले कर वापस घर आया और बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया।
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