दिल्ली। ग़ाज़ियाबाद प्रशासन की नाक के निचे बिल्डर धड़ल्ले से अवैध प्लॉटिंग करके औद्योगिक क्षेत्र बसा रहे हैं और जिला प्रशासन कुम्भकरण की नींद सो रहा है। यूपीसीडा का क्षेत्रीय कार्यालय भी ग़ाज़ियाबाद में ही है लेकिन बिल्डरों की करतूत किसी को दिखाई नहीं दे रही है। बिल्डरों के द्वारा बेचे जा रहे अवैध औद्योगिक प्लाट से यूपी सरकार के औद्योगिक विकास की योजना को आघात पहुँच रहा है क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सरकार ने इन्वेस्टर समिट में उद्योगपतियों के साथ हज़ारों करोड़ का एमओयू साईंन किया है। जिस जमींन को यूपीसीडा ने विकसित करके उद्योगपतियों को देना था उस ज़मीन को भूमाफियाओं ने पहले ही बेच दिया।
प्राइम लोकेशन की ज़मीनों पर बिल्डरों का कब्जा
प्रशासन की लापरवाही के कारण बिल्डर प्राइम लोकेशन की ज़मीनों को सोने के भाव बेच रहे हैं जबकि सुविधाओं के नाम पर वहा पर कुछ भी नहीं है। कृषि जमीन पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है और इस खेल में बिल्डरों के साथ प्राधिकरण, पुलिस और रेवेन्यू विभाग के लोग भी शामिल हैं। न नक्शा पास कराने का झमेला और न ही किसी से एनओसी लेने की आवश्यकता, प्लाट खरीदो और फैक्ट्री लगाओ, ऐसा कहना है बिल्डरों का।
जबकि जिला उद्योग केंद्र, अग्निशमन, प्रदूषण, जल जैसे अनेक विभागों की अनुमति के बाद नक्शा पास करवाने के बाद उद्योग स्थापित किया जाता है लेकिन यहाँ पर सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
एनसीआर के प्लानिंग ज़ोन पर अवैध कब्ज़ा
दिल्ली एनसीआर के सबसे प्राइम लोकेशन एवं यूपी गवर्नमेंट के प्लानिंग ज़ोन मसूरी, गुलावटी, डासना, हापुड़, पिलखुवा से लेकर मुराद नगर के साथ मेरठ तक की ज़मीनों को भूमाफियाओं ने बेच दिया और प्रशासन एवं शासन के लोगों को पता ही नहीं चला। ग़ाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण, रेवेन्यू विभाग, प्रदूषण विभाग, अग्निशमन विभाग, जल विभाग, पुलिस विभाग और जिला प्रशासन सब के सब ने यूपी सरकार को धोखा दे कर बिल्डरों का साथ दिया। यूपीसीडा के औद्योगिक क्षेत्र गुलावठी से सटी हुई जमीनों को किसानों से मिटटी के भाव खरीद कर ज़रूरतमंदों को सोने के भाव बेच कर भूमाफिया और अधिकारी मालामाल हो गए और सरकार को कंगाल कर दिया।
एनसीआर का सबसे बड़ा अतिक्रमण वाला जिला है ग़ाज़ियाबाद
दिल्ली की सीमा से सटा हुआ यूपी का जिला ग़ाज़ियाबाद देश के सबसे बड़े भ्र्ष्टाचार का अड्डा बना हुआ है लेकिन इस तरफ से सरकार बिलकुल बेखबर है। ग़ाज़ियाबाद प्रशासन की मिलीभगत से भूमाफियाओं ने पूरब से लेकर उत्तर तक दिल्ली की सीमा से सटी सभी ज़मीनों पर अवैध कालोनी काट दिया और सरकारी योजना फाइलों में धूल चाटती रह गयी। अवैध कालोनियों की बात करें तो एशिया की सबसे बड़ी अवैध कालोनी यूपी के ग़ाज़ियाबाद में है। अब सबसे बड़ा अवैध औद्योगिक शहर भी ग़ाज़ियाबाद बनने जा रहा है।
शासन को भी जाता है अवैध वसूली का हिस्सा
सूत्रों का कहना है कि ग़ाज़ियाबाद में अवैध कालोनियों का जाल बिछाने में भूमाफियाओं के साथ पुलिस, रेवेन्यू, प्रशासन के साथ शासन के लोगों ने भी दिया है, यही कारण है एनसीआर की सबसे कीमती और प्लानिंग की ज़मीन पर अवैध शहर बसाया जा रहा है और शासन, प्रशासन अनजान बने हुए हैं। नेताओं और अधिकारीयों का पैसा इन्वेस्ट करके उनेह मोटा मुनाफा देते हैं भूमाफिया।
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