UNITED INDIA LIVE

sach k sath sada..

header

Noida News U.P. News

UPSIDA NEWS: आईटी विभाग की बड़ी लापरवाही, बिना किसी सूचना के वेब साईट से आवंटन के लिए खाली भूखंडों को हटाया, क्षेत्रीय कार्यालय अनभिज्ञ

United India Live

नोएडा। यूपी सरकार दुनियां भर के निवेषकों को आकर्षित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है लेकिन विभाग के अधिकारी सरकार की उम्मीदों पर पानी फेर रहे हैं जिससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है। विभागीय लापरवाही के कारण निवेशकों में असंतोष और निराशा देखने को मिल रही है। यूपीसीडा की वेबसाइट पर जिन औद्योगिक क्षेत्रों में आवंटन के लिए भूखंड उपलब्ध हैं उनकी लिस्ट दिखाई देती थी जिससे निवेशक अपनी आवश्यकता के अनुसार भूखंड का साइज और रेट देख कर निवेश मित्रा पोर्टल के द्वारा आवेदन करता है लेकिन मई महीने के शुरुआत से यूपीसीडा के पोर्टल से आवंटन के लिए उपलब्ध भूखंडो की सूची गायब हो गयी है जिसके कारण आवेदन करने वालों को जहाँ असुविधा हो रही है वहीँ जिन लोगों ने निवेश मित्रा पोर्टल के माध्यम से आवेदन किया हुआ है।

उनका आवेदन बीच में रुक गया गया है क्यों निवेश मित्रा पोर्टल पर भी भूखंड संख्या का चयन करना पड़ता है उसके बाद प्रोसेसिंग शुल्क और भूखंड के कुल राशि का दस प्रतिशत राशि को जमा करने की सुविधा मिल पाती है। यूपीसीडा और निवेश मित्रा पोर्टल एक दूसरे से लिंक है। अगर यूपीसीडा की लिस्ट से आवंटन के लिए उपलब्ध भूखंडों की लिस्ट उपलब्ध नहीं हैं तो आप निवेश मित्र के पोर्टल से कोई आवेदन नहीं कर सकता है।

नोएडा के बहुत से उद्योगपति ऐसे है जो अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहता हैं ऐसे उद्योगपतियों का आवेदन बीच में रुका हुआ है आगे प्रोसेस नहीं हो रहा है क्योंकि जिस भूखंड के लिए उन्होंने आवेदन किया है वह लिस्ट निवेश मित्रा के पोर्टल से ग़ायब हो गयी है और जो लोग नया आवेदन करना चाहते हैं वह कुछ भी नहीं कर सकते हैं क्योंकि भूखंड संख्या और उसके रेट की जानकारी के बिना न तो प्रोजेक्ट रिपोर्ट बन सकती है और न ही भुगतान हो सकता है। इस लिए यूपी में निवेश का रास्ता पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है।

क्षेत्रीय कार्यालय को नहीं है कोई जानकारी
यूपीसीडा और निवेश मित्रा के पोर्टल से आवंटन के लिए उपलब्ध भूखंडों की सूची के अचानक से ग़ायब होने की जानकारी यूपीसीडा के क्षेत्रीय कार्यालय को नहीं है। नॉएडा के कई उद्योगपतियों ने बरेली और कानपूर कार्यालय फोन किया जहाँ से बताया गया कि उनेह इसकी जानकारी नहीं है। जानकर लोंगो का कहना है कि आईटी के लोग पोर्टल पर कार्य कर रहें होंगे लेकिन इतना लम्बा समय नहीं लगता है। पोर्टल पर अगर कोई अपडेट किया जाता हैं तो उसकी जानकारी विभाग को होना चाहिए और एक संदेश पोर्टल पर भी चलना चाहिए।
अभी विभाग ने पोर्टल पर तकनीकी सहयता के लिए कीर्ति सिंह का एक फोन नंबर दिया हुआ है लेकिन उन्हे भी इस विषय में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि इससे संबंधित मेरे पास भी फोन आ रहे हैं लेकिन मुझे इसकी जानकारी नहीं है।

क्या हुआ इन्वेस्टर समिट २०२२ का ?
यूपी सरकार ने वर्ष २०२२ में इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जिस पर करोड़ों रुपया खर्च भी हुआ और रेस्पोंस भी अच्छा हुआ लेकिन समिट के बाद से लगभग पांच माह बीत जाने के बाद स्थिति जस की तस बनी हुई है। जिन उद्योगपतियों का एमओयू साइन हुआ था आज तक उनमें से शायद ही किसी को भूखंड मिला हो ! स्थिति ऐसी है कि जहाँ पर भूखंड उपलब्ध है वहां पर भी किसी आवंटन नहीं किया जा रहा है जिसके निवेशकों में निराशा है। ज़्यादातर वह निवेशक जिन्ह जल्दी उद्योग स्थापित करना था वह लोग दूसरे राज्यों का रुख कर रहे हैं।

आवंटन के लिए कहाँ उपलब्ध हैं भूखंड ?
यूपीसीडा के पोर्टल के अनुसार उत्तर प्रदेश के जिला हाथरस, संभल, कोसी कोटवन, बरेली, फर्रुखाबाद, झाँसी, दिबियापुर, प्रयागराज, उन्नाव और अयोध्या ज़िले में आवंटन के लिए भूखंड उपलब्ध है, जिनेह अभी पोर्टल से हटा दिया गया है। यूपीसीडा के पोर्टल पर available plots के बटन पर क्लिक करने पर औद्योगिक एरिया की लिस्ट खुल रही है लेकिन भूखण्ड ग़ायब है।

 

"United India Live" एक प्रतिष्ठित हिंदी समाचार पोर्टल है, जो निष्पक्षता, सत्यता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर कार्य करता है। हमारा उद्देश्य है जनता तक सटीक, तटस्थ और प्रमाणिक समाचार पहुंचाना, वह भी बिना किसी पक्षपात और दबाव के।

हम देश-दुनिया की राजनीति, समाज, अर्थव्यवस्था, खेल, मनोरंजन, तकनीक और जनहित के मुद्दों को पूरी जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करते हैं। "United India Live" सिर्फ खबर नहीं देता, बल्कि समाज को जागरूक करने और लोकतंत्र को सशक्त करने का एक माध्यम है।

हमारी पत्रकारिता की पहचान है – निष्पक्षता, निडरता और सच्चाई।

 

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.