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Justice Yashwant Verma Transfer: इलाहाबाद हाईकोर्ट तबादले पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा बयान

Justice Verma: नई दिल्ली, 21 मार्च 2025: दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास में हाल ही में आग लगने की घटना के बाद कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में वहां से भारी मात्रा में नकदी बरामद होने के दावे किए गए थे। इन खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इन दावों को पूरी तरह से गलत और भ्रामक बताया है।

सुप्रीम कोर्ट की सफाई
Justice Verma: सुप्रीम कोर्ट के प्रवक्ता ने बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया कि जस्टिस वर्मा के घर में कैश बरामद होने की कोई पुष्टि नहीं हुई है और इस तरह की अफवाहों को बिना किसी ठोस सबूत के फैलाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना इस मामले की प्रारंभिक रिपोर्ट 21 मार्च की शाम तक सौंपेंगे, जिसके बाद आगे की कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में तबादला—कैश प्रकरण से कोई संबंध नहीं
Justice Verma: सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जस्टिस वर्मा का इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरण इस घटना से संबंधित नहीं है। कोर्ट ने कहा कि यह निर्णय स्वतंत्र रूप से लिया गया था और इन-हाउस जांच प्रक्रिया से इसका कोई लेना-देना नहीं है।

बार एसोसिएशन की नाराजगी और विरोध
इस बीच, इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस वर्मा के तबादले पर आपत्ति जताई है और इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया गया। बार एसोसिएशन का कहना है कि स्थानांतरण की प्रक्रिया में न्यायाधीशों की स्वतंत्रता और निष्पक्षता बनी रहनी चाहिए।

मीडिया को सुप्रीम कोर्ट की नसीहत
सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया से अपील की है कि वे इस मामले में बिना पुष्टि के किसी भी तरह की खबर न फैलाएं ताकि न्यायपालिका की गरिमा और विश्वसनीयता प्रभावित न हो। कोर्ट ने कहा कि अफवाहों के बजाय आधिकारिक जांच के निष्कर्षों का इंतजार किया जाना चाहिए।

आगे की कार्रवाई
दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट मामले की गहन समीक्षा करेगा और यदि आवश्यक हुआ तो आगे की जांच के निर्देश भी दिए जा सकते हैं।


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कमरुद्दीन सिद्दीकी को पत्रकारिता के क्षेत्र में 25 वर्षों का दीर्घ अनुभव प्राप्त है। वे स्नातक हैं और राजनीतिक व सामाजिक विषयों पर निर्भीक लेखन के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कट्टरपंथ, भ्रष्टाचार और अंधविश्वास के विरुद्ध आजीवन संघर्ष करने का संकल्प लिया है। वे अनेक सामाजिक संगठनों से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं और समाज में जागरूकता लाने के लिए निरंतर कार्यरत हैं।

 

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