Kanwar Yatra 2023: कांवड़ यात्रियों की जान बचा कर भाईचारे की मिसाल पेश कर रहे हैं, मुस्लिम गोताखोर
Kanwar Yatra 2023: दिल्ली। सावन के महीने में भोले के भक्तों की भारी भीड़ हरिद्वार से गंगा जल लेने के लिए पैदल यात्रा करती है। यात्रा के दौरान नौजवान अक्सर यमुना में नहाने और मौज मस्ती के लिए रुकते हैं। यमुना में नहाने के दौरान अक्सर कोई न कोई डूबने लगता है जिसके प्रशासन ने गोताखोरों को नियुक्त किया हुआ है।
शामली के पास यमुना पर तैनात 25 गोताखोर यमुना में डूबने वालों की जान बचाने के लिए तैनात हैं, और यह सभी गोताखोर मुस्लिम समाज से आते हैं। कावंड यात्रा के दौरान इस वर्ष भी मुस्लिम गोताखोर अपने जान की बाजी लगा कर डूबते हुए कावड़ियों की जान बचा कर इंसानियत की मिसाल कायम कर रहे हैं।

Kanwar Yatra 2023: जहाँ राजनैतिक दलों और कटटरपंथियों द्वारा समाज को बांटने का प्रयास किया जा रहा है वहीँ यह मुस्लिम गोताखोर मजहबी दीवारों को तोड़ कर लगभग एक दशक से हर वर्ष कावड़ यात्रा के दौरान डूबने वालों की जान बचाने का कार्य कर रहे हैं। यह कावड़िये बिना जाति और धर्म की परवाह किये इंसानियत के लिए इंसान की जान बचाने का कार्य कर रहे हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि हमें इन मुस्लिम नौजवानों पर गर्व है कि बिना किसी स्वार्थ के अपनी जान की परवाह किये बिना लोगों की जान बचा रहे हैं।
Kanwar Yatra 2023: क्षेत्रवासियों ने बताया कि प्रशासन ने अभी 25 गोताखोर नियुक्त किये हैं लेकिन इसके अलावा गांव 25 और गोताखोर नौजवान आपातकाल के लिए सतर्क रहते हैं। यह सभी गोताखोर मुस्लिम और जिला शामली के मवी अहतमाल तिमालि गांव के निवासी हैं। ग्राम प्रधान पति जाहिद हसन ने बताया कि मवी अहतमाल तिमाली गांव की आबादी करीब तीन हजार है। यहां पर 285 से अधिक मकान होंगे। खास बात यह है कि हर घर में कोई न कोई गोताखोर हैं। एक घर में तीन से चार सदस्य भी तैरना जानते हैं। क्योंकि गांव यमुना किनारे है और बचपन में ही सभी तैरना सीख लेते हैं। पिछले दस सालों में इन्होने अब तक तक़रीबन 90 लोगों की जान बचाया है।
सौहार्द की मिसाल कायम कर रहे गोताखोर
Kanwar Yatra 2023: एएसपी ओपी सिंह का कहना है कि सभी गोताखोरों की शिफ्टों में ड्यूटी लगाई गई है। सभी आपसी प्यार और सौहार्द की भी मिसाल कायम कर रहे हैं। जबकि हर समय गोताखोरों की जान जोखिम में रहती है। अन्य को भी इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। ग्राम प्रधान पति जाहिद हसन का कहना है कि गांव के अन्य लोग भी बिना किसी पारिश्रमिक के डूबे लोगों को निकालने में आगे रहते हैं। सभी को अलर्ट किया गया है।
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