NOIDA : कैलाश हॉस्पिटल में पथरी का इलाज कराने गयी महिला की मौत, परिजनों ने अस्पताल पर लगाया लापरवाही का आरोप
नोयडा। कैलाश अस्पताल में पथरी मरीज महिला की इलाज के दौरान मौत, परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप। ग्रेटर नोयडा निवासी महिला को 16 अक्टूबर 2022 को कैलाश अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था। ऑपरेशन के बाद इंफेक्शन हो गया और जब मरीज की हालत बिगड़ने लगी तो उसे ग्रेटर नोयडा से नोयडा कैलाश में रेफर कर दिया गया जहां मरीज की मौत हो गयी। परिजनों का आरोप है कि पथरी के दर्द की शिकायत के बाद महिला को कैलाश अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था जहाँ डॉक्टरों की लापरवाही के कारण महिला मरीज की मौत हो गयी।
महिला की मौत की खबर सुनते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और रोता – बिलखता परिवार यह विश्वास ही नहीं कर पा रहा था कि पथरी के इलाज से कैसे महिला की मौत हो सकती है ? पीड़ित परिवार के साथ सैकड़ों ग्रामीणों ने कैलाश अस्पताल के बाहर धरना, प्रदर्शन किया और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई और मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता और नौकरी की मांग किया।
अस्पताल के बाउंसरों ने मृतक महिला के परिवार के साथ किया मारपीट
पीड़ित परिवार का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने महिला की हत्या किया है। यह साधारण मौत नही है। जब हमने न्याय के लिये अस्पताल को सीज करने एवं मामले की जांच की मांग किया तो अस्पताल के गुंडों ने हमारे साथ धक्का मुक्की और मार पीट किया। परिवार ने बताया कि अस्पताल की गुंडागर्दी से आहत हो कर हमने भारतीय किसान यूनियन से मदद मांगा और मामले की जानकारी होते ही भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव चौधरी बीसी प्रधान के नेतृत्व में भानु का एक दल हमारी सहायता के लिये अस्पताल पहुंचा। भारतीय किसान यूनियन के पहुंचने के बाद झुका अस्पताल प्रशासन और डॉ महेश शर्मा ने पीड़ितों को मिलने का दिया समय।
प्रयागराज में मरीज को प्लेटलेट्स की जगह पर फ़्रूट जूस चढ़ाने वाले अस्पताल पर अगर बुल्डोजर चल सकता है तो महिला की हत्या करने वाले के साथ हमदर्दी क्यो ?
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव चौधरी बीसी प्रधान ने कहा कि सरकार की कुछ नीतियों की हम सराहना करते हैं लेकिन जब भेदभावपूर्ण व्यवहार होता है तो दुख होता है। जब सरकार कि यह नीति है कि हत्यारों, माफियाओं, अपराधियों को नही बक्शा जाएगा और सरकार कार्रवाई भी कर रही है लेकिन कुछ विशेष लोंगों का बचाव क्यों? जैसे प्रयागराज के उस अस्पताल पर बुलडोजर चलाने की तैयारी चल रही है जिसने डेंगू के मरीज को प्लेटलेट्स की जगह फ़्रूट जूस चढ़ा दिया था तो फिर मरीज की हत्या करने वाले अस्पतालों और स्वामियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों नहीं ?
भाजपा सांसद महेश शर्मा का है कैलाश अस्पताल
भाजपा सांसद महेश शर्मा के अस्पताल में हुई पथरी के मरीज की इलाज के दौरान हुई मौत से महिला के परिजनों और ग्रामीणों में काफी गुस्सा है। लोगों में गुस्सा बढ़ता देख उनसे मिलने के लिए डॉ महेश शर्मा ने अपने कार्यालय बुलाया और पीड़ित परिवार से एक युवक को नौकरी और आर्थिक सहयोग का आश्वासन दिया लेकिन अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों का बचाव किया।
सरकारी अस्पतालों को अधमरा करके मरीजों को लूट रहे हैं निजी अस्पताल
लोगों का आरोप है कि नॉएडा के सरकारी अस्पतालों को अधमरा करके निजी अस्पतालों में मरीजों के साथ खुलेआम लूट खसोट चल रही है। निजी अस्पतालों को मरीजों को ठीक करने की चिंता कम, उनसे मोटी रकम ऐंठने की चिंता ज्यादा होती है। नोयडा के सांसद और विधायक नहीं चाहते की सरकारी अस्पतालों में अच्छे डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ और सुविधाएँ हो जिससे की लोग मुफ्त में उसका लाभ उठा सकें, इसी लिए निजी अस्पतालों की दुकानदारी खूब फल फूल रही है और कमाई का फिक्स हिस्सा नेताओं और अधिकारीयों को भी मिल रहा है। सरकारी अस्पतालों का स्टाफ मरीजों को निजी अस्पतालों में जाने की सलाह देता है जिसके लिए उसे मोटा कमीशन मिलता है।
नोयडा के जिला अस्पताल में क्यों नहीं होता है सर्जरी और बड़ी विमारियों का इलाज ?
गुस्साए ग्रामीणों ने प्रशासन, सरकार और नेताओं पर निकाला अपना गुस्सा। लोगों ने यूपी सरकार, नोयडा प्राधिकरण, विधायक और सांसद डॉ महेश शर्मा से सवाल किया कि क्या कारण है कि करोड़ों की लगत से बने जिला अस्पताल में बड़ी बिमारियों का इलाज नहीं होता है ? जिला अस्पताल में अनुभवी सर्जन और डॉक्टर्स क्यों नहीं है ?
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