Kondli news: कोंडली। पूर्वी दिल्ली के कोंडली विधानसभा की जनता के साथ वर्षों से धोखा किया जा रहा है, उनेह विकास के नाम पर ठगा जा रहा है। विकास के झूठे वादों के साथ सत्ता हासिल करने वाले नेता चुनाव जीतने के बाद अपनी झोली भरने में लग जाते हैं और जनता को प्रदूषण, अतिक्रमण और चरों तरफ फैली गंदगी में घुट घुट कर जीने के लिए छोड़ देते है। चुनाव जीतने के बाद साढ़े चार साल जनता का खून चूसते हैं। लूट लूट कर अपनी हवेलियां बनाते हैं, बड़ी बड़ी गाड़ियां खरीदते हैं, ऐशो आराम की ज़िंदगी जीते हैं और जनता को अपने हाल पर मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। आखिर के पांच महीने में साफ़ सफाई, सड़कों और नालियों का घटिया स्तर का निर्माण करवा कर जनता को फिर बेवकूफ बनाने की योजना बनाते हैं और फिर गले माला पहन कर चमचों की फ़ौज लेकर गली गली झूठे और लुभावने वादों से जनता को बेवकूफ बनाने के लिए निकल पड़ते हैं। East Delhi: नाबालिग छात्र के साथ दरिंदगी से गुस्साये निवासियों ने स्कूल के ख़िलाफ़ किया विरोध प्रदर्शन
नेताओं ने कोंडली विधानसभा को कमाई का अड्डा बना रखा है
Kondli news: कूड़े के पहाड़, गंदा नाला, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट और बूचड़खाने के मध्य बसे कोंडली विधानसभा की जनता प्रदूषण, गंदा पानी, जर्जर सड़के और चारो तरफ फ़ैली गंदगी के बीच भले ही घुट घुट कर जीवन यापन कर रही हो लेकिन नेताओं के लिए यह सीट दिल्ली की सबसे कमाऊ विधानसभा में शामिल है। दिल्ली और यूपी की सीमा पर होने के कारण सबसे ज़्यादा जुआ, सट्टा, चोरी, डकैती, चेन स्नैचिंग और नशे का अवैध कारोबार इस विधानसभा में होता है। जिससे होने वाली अवैध कमाई से नेता, अधिकारी और पुलिस अपनी जेब भरते हैं। साप्ताहिक बाजार और सड़कों के अतिक्रमण से भले ही यहाँ की जनता बेहाल हो लेकिन नेताओं, अधिकारीयों को इससे करोड़ों की अवैध कमाई हो रही है इसी लिए लोगों की लाख शिकायतों के बावजूद कोई बोलने को तैयार नहीं है। Delhi News: एमसीडी में बरकरार रहेगी काम की रफ़्तार- केजरीवाल
न मेट्रो मिली और न ही फ्लाई ओवर
Kondli news: भारी ट्रैफिक दबाव होने के कारण यहाँ की जनता रोज़ सुबह शाम ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझ रही है। नेताओं ने मेट्रो और फ्लाईओवर बनाने का वादा करके सत्ता हासिल कर लिया, अपना घर नोएडा में बना लिया और कोंडली की जनता को ठेंगा दिखा दिया। अभी साढ़े चार साल पहले आम आदमी पार्टी के विधायक कुलदीप कुमार ने कोंडली की जनता को कोंडली नहर पर फ्लाईओवर बनाने का सपना दिखाया, मौके पर जा कर फोटो खिंचवाया, वाह वाही बटोरी , नतीजा आप के सामने है।
अतिक्रमण से कराह रही है फेस तीन मार्किट
Kondli news: कोंडली विधनसभा के कल्याणपुरी नहर से कोंडली, न्यू कोंडली, मयूर विहार फेस तीन मार्किट की सड़कों पर पूरी तरह से अतिक्रमण कर लिया गया है लेकिन यह किसी जनप्रतिनिधि को दिखाई नहीं देता है क्योंकि अतिक्रमण इन्हीं के चमचों द्वारा करवाया गया है। अतिक्रमण की हालत यह है कि मयूर फेस तीन की बज़ार से होकर अगर कोई मरीज आपात स्थिति में अस्पताल पहुंचना चाहे तो वह नहीं पहुँच पायेगा। प्रदूषण, गंदगी के साथ साथ सड़कों के अतिक्रमण और ट्रैफिक जाम के कारण यहाँ के निवासियों को रोज़ मानसिक पीड़ा सहन करनी पड़ती है लेकिन जनप्रतिनिधियों को कोई सरोकार नहीं है।
हाईटेंशन लाइन के तार से मर चुके हैं कई लोग
कोंडली विधानसभा के मुल्ला कालोनी, राजवीर कालोनी और कोंडली गांव के लोग लम्बे समय से हाईटेंशन लाइन को शिफ्ट करवाने की मांग कर रहे हैं लेकिन आज तक जनता को सिर्फ वादा मिला है, जबकि कई लोग हाईटेंशन बिजली लाइन की चपेट में आने से अपनी जान गँवा चुके हैं। मुल्ला कालोनी, राजवीर कालोनी और कोंडली के लोग आज भी स्वच्छ पानी के लिए तरस रहे हैं। इनके आसपास साफ सफाई बिलकुल नहीं होती है।
नाली का ढक्क्न और बाउंड्री वाल बनवा कर RWA से बजवाते हैं तालियां
क्षेत्र के विकास के नाम पर इस विधान सभा में बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों, महिलाओं के खेलने, कूदने, बैठने और घूमने फिरने के लिए कोई स्वच्छ और सुरक्षित पार्क नहीं है। स्मृति वन चोरों और जेबकतरों का अड्डा है और बाकि के पार्कों की हालत सबके सामने है। कोई अच्छा अस्पताल नहीं है।
जनप्रतिनिधि ने कालोनी वासियों और RWA को कुछ बेंच, लाइटस और बाउंड्रीवाल बनवा कर अपने अधीन कर रखा है। भले ही बाउंड्री वाल पांच साल की सरकार से पहले ढह जाती है लेकिन किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि उनेह लगता है कि यह पैसा तो सरकार का लगा हुआ है, हमारा क्या जाता है?हमारी इसी सोच का फायदा उठा कर नेता और अधिकारी बाउंड्रीवाल बनाने की रकम का आधा हिस्सा चट कर जाते हैं। चरों तरफ खुली शराब की दुकाने और बढ़ते हुए अपराध किसी को दिखाई नहीं देता है। हमारा नौजवान खुलेआम नशा का सेवन करके अपना भविष्य बर्बाद कर रहा है उसका बड़ा कारण है हमारे आसपास फैले नशे के कारोबार, जहाँ से युवाओं को आसानी से नशा उपलब्ध हो रहा है।
चुनाव जीतने के बाद नेताओं के पास जनता से मिलने का समय नहीं होता है
चुनाव के समय घर घर जा कर लोगों के पैर छूने वाला नेता जैसे ही चुनाव जीतता है जनता उसके लिए अछूत हो जाती है, फिर लोगों को नेता जी के पैर पांच साल छूने पड़ते हैं और दर्शन बड़ी मुश्किल से होते है। जन समस्याओं से बेखबर जनप्रतिनिधि फिर आने वाले चुनाव के लिए काला धन इकट्ठा करने में लग जाते हैं। अनपढ़ और बेवकूफ जनता के निद्रा में रहने के कारण नेताओं ने सत्ता को अपने बाप की जागीर समझ रखा है। वह सोचता है कि सत्ता की कुर्सी पुश्त दर पुश्त उसी के पास रहे और जनता उसकी गुलाम बनी रहे।
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