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UPSIDA : प्रॉपर्टी डीलरों के लिए कार्य कर रहे हैं बाबू, उलझे मामलों को और उलझा कर आवंटियों को किया जा रहा है परेशान

upsida ग्रेटर नोयडा। उत्तर प्रदेश सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद यूपीसीडा में भ्र्ष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है। यूपी में सबसे ज़्यादा भ्र्ष्टाचार ग्रेटर नोयडा के कासना, साईट -५ स्थित यूपीसीडा के कार्यालय में व्याप्त है। यहां कार्यालय में बैठे बाबू करोड़ों की अवैध कमाई कर रहे हैं। दस – दस वर्षों से उलझे मामलों को सुलझाने के बजाए और उलझा कर आवंटियों को परेशान किया जाता है। जिससे कि उद्योग लगाने का सपना देख रहा आवंटी अपना प्लाट बेचने को विवश हो जाता है। बार – बार कार्यालय का चक्कर लगा रहे आवंटियों को बाबुओं के द्वारा अपना प्लाट बेचने की सलाह दी जाती है और परेशान आवंटी से सस्ते दाम पर सौदा करके प्रॉपर्टी डीलरों को मार्किट रेट पर यूपीसीडा का बाबू बिकवा देता है।

upsida यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी के लाख प्रयासों के बाद भी कार्यालय में फाइलों पर नाग की तरह अपना फन फैलाये बैठे बाबुओं को किसी की भी परवाह दिखाई नहीं दे रही है और न ही मुख्यालय को सही जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। सही जानकारी नहीं होने के कारण मुख्यालय में बैठे वरिष्ठ अधिकारी भी चाहते हुए कुछ नहीं कर पा रहे हैं।

प्रॉपर्टी डीलरों के लिए कार्य करता है बाबू परवेज आलम है
upsida अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर एक आवंटी ने कहा कि इस कार्यालय में सबसे ज़्यादा घमंडी और भ्र्ष्ट बाबू है परवेज आलम, मुझे कई वर्षों से परेशान कर रहा है, और मुझे अपना प्लाट बेचने के लिए दबाव बना रहा है। परवेज आलम कहता है कि अपना प्लाट मुझे बेच दो नहीं तो ज़िंदगी भर कार्यालय के चक्कर काटते रह जाओगे। मुझे अपने प्लाट की लीजडीड करवाना है, जिसके लिए मैं चक्कर लगा रहा हूँ। जितनी बार कार्यालय जाता हूँ, हर बार नई कहानी सुना कर वापस भेज देता है। मैंने इसकी शिकायत क्षेत्रीय प्रबंधक से भी किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

शाम को छुट्टी के बाद कार्यालय में जमा होते हैं प्रॉपर्टी डीलर
upsida शाम को जब कार्यालय बंद होने का समय होता है और क्षेत्रीय प्रबंधक चले जाते है तब ग्रेटर नोयडा के कासना स्थित यूपीसीडा के कार्यालय में प्रॉपर्टी डीलरों का मेला लगता है। परेशान आवंटियों और उलझे हुए भूखंडों का बाबुओं द्वारा डीलरों से सौदा किया जाता है और परेशान लोगों से कम कीमत पर भूखंड का सौदा कर के प्रॉपर्टी डीलरों से मोटा मुनाफा लेकर सौदा ट्रांसफर कर दिया जाता है। इस खेल में बाबुओं के साथ चपरासी भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।

कमाई वाली फाइलों को छुपा देता है चपरासी
upsida कमाई वाली फाइलों को चपरासियों द्वारा उसे छुपा दिया जाता है और आवंटी के कार्यालय आने पर फाइल नहीं मिलने का बहाना बनाया जाता है। बार बार चक्कर लगा कर जब परेशान हो जाता है तब रिश्वत की पेशकश करता है और चपरासी मुंहमांगी रकम लेकर फाइल उपलब्ध करवाता है। कार्यालय में सीसीटीवी कैमरा नहीं होने के कारण रात्रि के 8 से 9 बजे तक बाबुओं की दुकानदारी चलती है।

कुछ लोगों की वजह से सरकार की छवि हो रही है धूमिल
upsida परवेज आलम जैसे बाबुओं की वजह से यूपी सरकार की कोशिशों पर पानी फिर रहा है और यही लोग सरकार की छवि धूमिल करके अवैध कमाई कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि ग्रेटर नोयडा और बुलंदशहर में प्रॉपर्टी मंहगी होने के कारण बाबुओं का भाव बढ़ा हुआ है। लोगों को भयभीत और गुमराह करके मोटी कमाई कर रहे हैं बाबू। लम्बे समय है इन बाबुओं का तबादला नहीं हुआ है इस लिए इन्होने यहाँ पर अपना कारोबार फैला लिया है।
सवाल – व्यवस्था ऑनलाइन होने के बावजूद कैसे अवैध कमाई कर रहे हैं यूपीसीडा के बाबू ?
जवाब – केस, मुकदद्मा, डबल आवंटन जैसे मामलों को सुलझाने के बजाए उलझा कर अवैध कमाई कर रहे हैं यूपीसीडा के बाबू।


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