Delhi News: दिल्ली के प्रशासनिक हलकों में एक बड़ा फैसला सामने आया है। दिल्ली होम गार्ड के महानिदेशक एसबीके सिंह को दिल्ली पुलिस आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब एसबीके सिंह की सेवानिवृत्ति में महज पांच महीने का समय शेष है। इस अवधि में उन्हें दोनों महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारियां निभानी होंगी।
Delhi News: एसबीके सिंह एक सुलझे हुए, अनुभवी और फील्ड में पकड़ रखने वाले अधिकारी माने जाते हैं। वे अब न केवल राजधानी की कानून व्यवस्था के मुखिया होंगे, बल्कि होम गार्ड्स जैसी अर्धसैनिक ताकत को भी जारी रखेंगे। इस दोहरी जिम्मेदारी के साथ वे ऐसे समय में कमान संभाल रहे हैं जब दिल्ली में सामाजिक, राजनीतिक और कानून-व्यवस्था से जुड़ी चुनौतियाँ प्रतिदिन नई शक्ल में सामने आती हैं।
Delhi News: जानकारों का मानना है कि यह नियुक्ति सिर्फ औपचारिक नहीं है, बल्कि एक रणनीतिक कदम है। एसबीके सिंह के पास दशकों का प्रशासनिक अनुभव है। उन्होंने विशेष रूप से कोविड-19 के दौरान होम गार्ड की तैनाती और कार्यों को सक्रिय बनाया था। उनकी पहचान एक अनुशासित, कर्मठ और तेज-तर्रार अफसर की रही है।
विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि पांच महीने का कार्यकाल छोटा जरूर है, लेकिन उसमें बहुत कुछ बदला जा सकता है यदि नेतृत्व स्पष्ट हो। दिल्ली पुलिस में कई बड़े फैसले, आंतरिक सुधार और जनता से संवाद को लेकर उम्मीदें भी जुड़ गई हैं। लोगों को लगता है कि एसबीके सिंह अपनी निष्पक्ष छवि और अनुभव के बल पर कुछ अहम सुधारों की शुरुआत कर सकते हैं।
एक वरिष्ठ पत्रकार का कहना है, “जब किसी अफसर के पास अनुभव और संतुलन दोनों होता है, तो कार्यकाल की अवधि मायने नहीं रखती। असरदार फैसले और मजबूत इरादे ही प्रशासनिक विरासत बनाते हैं।”
दिल्ली जैसे महानगर में पुलिस आयुक्त का पद सिर्फ एक पद नहीं बल्कि भरोसे, पारदर्शिता और संवेदनशीलता का प्रतीक है। नागरिकों की अपेक्षाएं हैं कि नए पुलिस प्रमुख जनसरोकारों को प्राथमिकता देंगे, व्यवस्था में पारदर्शिता लाएंगे और पुलिसिंग को तकनीक व मानवीय संवेदना से जोड़ेंगे।
इस दोहरी भूमिका में एसबीके सिंह के सामने चुनौती बड़ी है लेकिन उम्मीदें उससे कहीं ज्यादा हैं। अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि क्या वे इन पांच महीनों में दिल्ली पुलिस को एक नई दिशा देने में सफल होंगे या नहीं।
यह जिम्मेदारी उनके प्रशासनिक जीवन का अंतिम अध्याय जरूर है, लेकिन हो सकता है यही अध्याय उनकी सेवा यात्रा का सबसे प्रभावशाली हिस्सा बन जाए।












