Ghaziabad News: खोड़ा कॉलोनी में पीने के पानी का संकट: भीम आर्मी के बैनर तले सड़कों पर उतरे हजारों लोग
Ghaziabad News: गाजियाबाद (क़मरुद्दीन सिद्दीक़ी) 4 अगस्त 2025– उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले की सबसे बड़ी आवासीय कॉलोनी खोड़ा के निवासियों का धैर्य अब जवाब दे चुका है। दिल्ली की सीमा से सटी होने और आधुनिक शहर नोएडा से बिल्कुल सटे होने के बावजूद, यहाँ के निवासियों को आज तक स्वच्छ पीने का पानी नसीब नहीं हो पाया है। इसी गंभीर जल संकट और अधिकारियों की घोर लापरवाही के विरोध में, आज सामाजिक संगठन भीम आर्मी के बैनर तले विशाल प्रदर्शन किया गया।

Ghaziabad News: भीम आर्मी के नेता आफताब के नेतृत्व में शुरू हुए इस प्रदर्शन में भारी संख्या में कॉलोनी के निवासियों ने हिस्सा लिया। लोगों ने “इंकलाब जिंदाबाद” के नारों के साथ गलियों में प्रदर्शन मार्च निकाला, जिससे पूरा क्षेत्र गूंज उठा। इस प्रदर्शन में भीम आर्मी के दिल्ली प्रदेश महासचिव कनिष्क सिंह भी शामिल हुए, जिन्होंने खोड़ा के निवासियों की समस्याओं को दिल्ली और नोएडा के विकास के ठीक विपरीत बताया।
सुबह 4 बजे से शुरू होता है पानी का संघर्ष
Ghaziabad News: खोड़ा कॉलोनी के लोगों का जीवन आज भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में संघर्ष कर रहा है। यहाँ के निवासियों को पीने के पानी के लिए हर दिन एक कठिन लड़ाई लड़नी पड़ती है। सुबह चार बजे से ही पुरुष, महिलाएँ और बच्चे अपने घरों से बर्तन लेकर दिल्ली क्षेत्र के मयूर विहार फेज 3 की ओर जाते देखे जा सकते हैं। जहाँ एक तरफ दिल्ली और नोएडा जैसे शहर हाईटेक जीवनशैली का पर्याय बन चुके हैं, वहीं चंद कदमों की दूरी पर खोड़ा में लोग आज भी पानी जैसी बुनियादी जरूरत के लिए तरस रहे हैं। यह स्थिति जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की घोर असंवेदनशीलता और लापरवाही को दर्शाती है।
व्यवस्था पर सीधा सवाल
Ghaziabad News: प्रदर्शन के दौरान, भीम आर्मी के नेताओं और स्थानीय निवासियों ने व्यवस्था संचालकों पर सीधे सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि आम जनता के पैसे से विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन खोड़ा जैसी कॉलोनियों में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दी जा रही हैं। आफताब ने कहा, “हमारी कॉलोनी के लोग दशकों से इस समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन कोई भी हमारी सुध लेने वाला नहीं है। क्या हमें साफ पानी पाने का हक नहीं है?”
भीम आर्मी के दिल्ली महासचिव कनिष्क सिंह ने कहा, “यह सिर्फ पानी का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह खोड़ा के निवासियों के आत्मसम्मान और उनके नागरिक अधिकारों का मुद्दा है। हम इस लड़ाई में उनके साथ हैं और जब तक यहाँ के हर घर में साफ पानी नहीं पहुँचेगा, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।”
यह प्रदर्शन अधिकारियों के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है। निवासियों ने साफ कर दिया है कि अगर जल्द ही पीने के पानी की स्थायी व्यवस्था नहीं की गई, तो यह आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है। खोड़ा का यह जल संकट एक बार फिर से इस बात को उजागर करता है कि विकास की चमक कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित है, और एक बड़ी आबादी आज भी बदहाली में जीने को मजबूर है।