U.P. Panchayat election 2026: “चुनाव से पहले अजब-गजब आदेश: प्रधानों पर जारी निर्देश रद्द
लखनऊ, 28 अगस्त 2025। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर राज्यभर में तैयारियां तेज़ हैं। करोड़ों मतदाता, उम्मीदवार और स्थानीय प्रतिनिधि इन चुनावों को लेकर उत्सुक हैं और पंचायती राज विभाग की हर गतिविधि पर निगाह बनाए हुए हैं। इसी बीच विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशों ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।
हाल ही में पंचायती राज विभाग ने ग्राम प्रधानों से संबंधित एक आदेश जारी किया था, लेकिन कुछ ही दिनों बाद विभाग ने उस आदेश को वापस ले लिया। आदेश रद्द किए जाने के बाद विभाग की कार्यप्रणाली और निर्णय प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं। राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर चर्चा है कि विभाग बार-बार ऐसे आदेश क्यों जारी कर रहा है जिन्हें बाद में बदलना पड़ रहा है।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानों से संबंधित यह आदेश चुनाव आचार संहिता और प्रशासनिक नियमों से जुड़ा हुआ था। लेकिन जैसे ही इसे लागू करने की कोशिश की गई, कई जिलों से आपत्तियां आने लगीं। विभिन्न संगठनों और प्रतिनिधियों ने इसे अव्यवहारिक बताते हुए विरोध दर्ज कराया। विरोध के चलते विभाग को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा।
विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावी प्रक्रिया के इतने नजदीक इस तरह के आदेश और फिर उनका रद्द होना, ग्रामीण स्तर पर प्रशासनिक भ्रम और असमंजस पैदा करता है। ग्रामीण जनता और प्रधान दोनों ही अब यह समझ नहीं पा रहे कि विभाग का अंतिम रुख क्या है।
इधर, पंचायत चुनाव को लेकर जिलों में बूथवार व्यवस्थाएं, मतदाता सूची का पुनरीक्षण, सुरक्षा इंतज़ाम और अन्य तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। प्रशासन का दावा है कि चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी होंगे।
हालांकि, प्रधानों से जुड़ा आदेश और उसकी वापसी ने विभाग की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा कर दिया है और यह सवाल भी उठने लगा है कि आखिरकार चुनाव के मुहाने पर ऐसे अजब-गजब आदेश क्यों जारी हो रहे हैं।