Azamgarh News: फर्जी मार्कशीट से नौकरी पाने वाले 22 शिक्षक बर्खास्त, एफआईआर दर्ज करने के आदेश
Azamgarh News: आज़मगढ़, संवाददाता। प्रदेश में बेसिक शिक्षा के बाद अब माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी फर्जी अंकपत्र पर नौकरी पाने वाले शिक्षकों का पर्दाफाश हुआ है। आज़मगढ़ मंडल में कूटरचित व जाली प्रमाणपत्रों के सहारे नियुक्ति लेने वाले 22 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। विभाग ने न सिर्फ उन्हें बर्खास्त किया है बल्कि वेतन की वसूली और एफआईआर दर्ज करने के भी निर्देश दिए हैं।
Azamgarh News: माध्यमिक शिक्षा विभाग ने वर्ष 2014 में एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला था। वर्ष 2016 में तैनाती के समय मेरिट आधारित चयन प्रक्रिया में कुछ अभ्यर्थियों ने अंक बढ़ाने के लिए फर्जी अंकपत्र और प्रमाणपत्र जमा किए। सत्यापन में गड़बड़ी की आशंका होने पर विभाग ने बार-बार जांच कराई।
Azamgarh News: माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि अंतिम जांच में संयुक्त निदेशक, आज़मगढ़ मंडल की अध्यक्षता वाली कमेटी ने इन 22 शिक्षकों के दस्तावेज़ों को फर्जी करार दिया। इसके बाद तत्काल प्रभाव से उनकी सेवाएँ समाप्त कर दी गईं। साथ ही, उनके वेतन की रिकवरी और मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश जिला विद्यालय निरीक्षकों को दे दिए गए हैं।

गौरतलब है कि इन शिक्षकों ने मोनार्ड यूनिवर्सिटी, हापुड़ और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी की जाली अंकतालिकाओं का इस्तेमाल किया था। हाल ही में मोनार्ड यूनिवर्सिटी का नाम फर्जी डिग्री और मार्कशीट घोटाले में पहले भी सामने आ चुका है।
नौकरी से निकाले गए शिक्षक –
Azamgarh News: विनय कुमार यादव, पवन कुमार, अतुल प्रकाश वर्मा, अंकित वर्मा, लक्ष्मी देवी, विवेक सिंह, राज रजत वर्मा, रोहिणी शर्मा, अमित गिरी, रुचि सिंघल, प्रियंका, नूतन सिंह, दीपा सिंह, अनीता रानी, प्रीति सिंह, नंदिनी, आनंद सोनी, गीता, सलोनी अरोरा, किरन मौर्या, रुमन विश्वकर्मा और सरिता मौर्य।
इस पूरे प्रकरण ने विभागीय कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि नियुक्ति के बाद दस्तावेज़ों के सत्यापन में लगभग दस वर्ष का लंबा समय लगा।