waqf amendment act 2025: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की धारा 3D पर रोक से इनकार
waqf amendment act 2025 नई दिल्ली, 13 सितम्बर 2025। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की धारा 3D पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है। इस धारा के अनुसार, यदि कोई संपत्ति पहले से ही प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम, 1904 या प्राचीन स्मारक एवं पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत संरक्षित स्मारक या संरक्षित क्षेत्र घोषित है, तो उस पर वक्फ की कोई घोषणा या अधिसूचना स्वतः शून्य मानी जाएगी।
क्या है धारा 3D
waqf amendment act 2025 धारा 3D स्पष्ट रूप से कहती है कि यदि किसी संपत्ति को पहले से ही संरक्षित स्मारक या संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है, तो उसे वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा। इस तरह के मामलों में वक्फ बोर्ड की ओर से जारी की गई कोई भी घोषणा या अधिसूचना अमान्य हो जाएगी। यह प्रावधान खासतौर पर उन विवादों को खत्म करने के लिए लाया गया है, जिनमें ऐतिहासिक स्मारकों या पुरातात्विक महत्व की जमीनों पर वक्फ का दावा किया जाता रहा है।
याचिकाकर्ताओं की दलील
waqf amendment act 2025 याचिकाकर्ताओं का कहना था कि धारा 3D से वक्फ संपत्तियों पर परंपरागत और धार्मिक अधिकार प्रभावित हो सकते हैं। उनका तर्क था कि कई पुरानी मस्जिदें और कब्रिस्तान ऐसे क्षेत्रों में आते हैं, जिन्हें बाद में संरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया गया। ऐसे में धारा 3D लागू होने से इन धार्मिक स्थलों की वक्फ संपत्ति की मान्यता खत्म हो जाएगी।
सरकार का पक्ष
waqf amendment act 2025 केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि यह प्रावधान किसी भी धार्मिक अधिकार का हनन नहीं करता। सरकार ने कहा कि संरक्षित स्मारक और पुरातात्विक क्षेत्र राष्ट्रीय धरोहर हैं और इनकी सुरक्षा व संरक्षण सर्वोच्च प्राथमिकता है। वक्फ का दावा यदि ऐसे स्मारकों पर मान लिया जाए तो इन धरोहरों के संरक्षण में बाधा आ सकती है।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
waqf amendment act 2025 सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि धारा 3D केवल उन संपत्तियों पर लागू होगी जिन्हें पहले से ही संरक्षित स्मारक या क्षेत्र घोषित किया गया है। इसका असर सामान्य वक्फ संपत्तियों पर नहीं पड़ेगा। अदालत ने माना कि धार्मिक प्रथाओं और वक्फ अधिकारों को लेकर याचिकाकर्ताओं की चिंता पूरी तरह गलत नहीं है, लेकिन तत्काल किसी अपरिवर्तनीय नुकसान का आधार नहीं है। इसलिए इस धारा पर रोक लगाने की आवश्यकता नहीं है।
अन्य धाराओं पर रोक
waqf amendment act 2025 हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अधिनियम की कुछ अन्य विवादित धाराओं पर अंतरिम रोक लगाई। इनमें शामिल हैं:
धारा 3C की उपधाराएँ, जिनके तहत सरकारी अधिकारी संपत्ति को सीधे सरकारी घोषित कर सकते थे।
पाँच वर्ष तक मुस्लिम होने की शर्त, जिसे वक्फ घोषित करने के लिए जरूरी बताया गया था।
ट्रिब्यूनल में सुनवाई पूरी होने से पहले ही राजस्व रिकॉर्ड में बदलाव से संबंधित प्रावधान।
इन धाराओं पर अदालत ने कहा कि ये संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता) के विपरीत हो सकती हैं।
कोर्ट का संदेश
waqf amendment act 2025 सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को पूरी तरह असंवैधानिक नहीं कहा जा सकता। लेकिन जिन धाराओं से नागरिक अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा असर पड़ सकता है, उन पर अंतिम सुनवाई तक रोक लगाई जाती है। वहीं, धारा 3D को लागू रहने दिया गया क्योंकि यह प्राचीन धरोहरों के संरक्षण के हित में है।
waqf amendment act 2025 इस फैसले से साफ है कि सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रीय धरोहरों की सुरक्षा को सर्वोच्च मानते हुए किसी भी तरह की वक्फ घोषणा को मान्यता नहीं देना चाहता यदि वह संरक्षित स्मारक या क्षेत्र से जुड़ी हो। साथ ही, अदालत ने वक्फ बोर्ड और अल्पसंख्यक समुदाय की चिंताओं को भी ध्यान में रखते हुए अन्य विवादित धाराओं पर अंतरिम राहत दी है। अब इस मामले की विस्तृत सुनवाई आगे होगी, जिसमें अधिनियम की संवैधानिक वैधता पर अंतिम निर्णय आएगा।