World Champion : महिला बॉक्सिंग वर्ल्ड चैम्पियन उर्वशी सिंह की पीएम से हैं उम्मीदें
नॉएडा। सपने तो सभी देखते हैं लेकिन पूरा उन्हीं का होता है जिनके हौसले फौलाद के और इरादे बुलंद होते हैं। सुविधाओं और संसाधनों के आभाव में मध्यम वर्गीय परिवार की बेटी उर्वशी सिंह ने वह करके दिखा दिया जिसके लिए देश के लाखों नौजवान रात दिन पसीना बहा रहे हैं। पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार फेज 3 में जन्मी और गवर्नमेंट स्कूल से पढ़ी उर्वशी सिंह का बॉक्सिंग में देश के लिए खेलना एक सपना था, लड़की और बॉक्सिंग ! गली मुहल्ले में लोग मजाक उड़ाते थे और परिवार के लोग भी समाज के भय से कोई निर्णय नहीं ले पा रहे थे, लेकिन उर्वशी सिंह की ज़िद और उसके बुलंद हौसले के सामने परिवार को झुकना पड़ा।
World Champion कॉलेज ऑफ़ फिजिकल एजुकेशन नोयडा से कॉलेज चैम्पियनशिप में खेलते हुए #urvashi ने पहली बार स्वर्ण पदक हासिल करके लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया। 2015 में नोयडा के कॉलेज ऑफ़ फिजिकल एजुकेशन में पढ़ाई के दौरान मिली कामयाबी ने उर्वशी सिंह को मानो पर लगा दिए हों, अब उर्वशी के प्रति परिवार और मोहल्ले वालों की सोच बदलने लगी, और उर्वशी को लोगों का समर्थन मिलने लगा, जो बॉक्सिंग लड़कियों के लिए उचित नहीं बता रहे थे वही लोग हौसला बढ़ाने लगे।
World Champion Urvashi singh लगातार अपनी मंज़िल की तरफ बढ़ रही थीं और नित नए आयाम को हासिल कर रही थीं। इसी दौरान Team Roushan Sports and DJMC Boxing का सहयोग मिला, जिन्होंने उर्वशी सिंह के अंदर छुपी प्रतिभा को पहचाना और उनकी बॉक्सिंग को निखारने का काम किया। उसके बाद उर्वशी सिंह ने मुड़ कर पीछे नहीं देखा। मार्च 2022 प्रथम मिडिल ईस्ट एशिया महिला वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीत कर भारत के तिरंगे का मान बढ़ाया और देश का नाम रौशन किया। नवंबर 2022 में कोलंबिया में आयोजित डब्लू बीसी वेंटम वेट्स टाइटल्स और डब्लू बीसी एशिया सिल्वर क्राउन को भी अपने नाम किया।
World Champion आज नोयडा के मीडिया क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में उर्वशी सिंह ने कहा कि मैं देश के लिए खेल रही हूँ और आगे भी खेलती रहूंगी , ओलम्पिक में खेलना मेरा सपना है लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक मुझे कोई सहयोग नहीं मिला है। Urvashi singh ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री महिलाओं और बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं, मुझे भी प्रधान मंत्री मोदी से ढेर सारी उम्मीदें हैं और मैं आशा करती हूँ प्रधानमंत्री मुझे ओलमिक में भेजने में सहायता अवश्य करेंगें। मैं पैसे के लिए नहीं अपने देश के लिए खेलना चाहती हूँ।











