social news: दिल्ली। आज पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर में समाज सेवी संगठन “चश्मे सिला” की बैठक संस्था के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष हाजी यूनुस सिद्दीक़ी की अध्यक्ष में आयोजित की गयी। बैठक में दिल्ली के आलावा बिहार और यूपी से सिद्दीकी समाज के लोगों ने हिस्सा लिया। आज की इस बैठक में सामाजिक विकास के लिए शिक्षा को जन जन तक पहुँचाने का संकल्प लिया गया और होनहार युवकों को प्रोत्साहित करने और कमज़ोर वर्ग की बेटियों का सामूहिक विवाह एवं दहेज़ के खिलाफ संस्था की बैठक में प्रस्ताव सर्व सम्मति से पारित हुआ।
social news: चश्मे सिला नामक इस संस्था की बुनियाद बिहार के शिक्षक अबरार अकरम ने रखी है। आज की इस बैठक में उपस्थित संस्था के संस्थापक अबरार अकरम ने मीडिया को बताया कि संस्था बनाने का उद्देश्य सिद्दीकी समाज की बुनियादी शिक्षा को मजबूत करने के लिए लोगों को जागरूक करना एवं युवाओं को यूपीएससी, बीपीएससी, बीपीएसएससी, नीट और आईआईटी की तैयारी करवाना है। अबरार अकरम ने बताया कि संस्था सम्पूर्ण भारत में सिद्दीक़ी, मनिहार, चुड़िहार, शीशगर और लखेरा नाम से सम्बोधित होने वाले मुस्लिम समाज के लोगों की आर्थिक और शैक्षणिक व्यवस्था का सर्वे कर रही है। संस्था ने अभी तक तक के अपने सर्वे में पाया है कि इस समाज के ज़्यादातर लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक है परन्तु शिक्षा का स्तर गिरा हुआ है, जिसके कारण इस समाज के लोगों की सरकारी नौकरियों में हिस्सेदारी बहुत कम है। इस लिए यह ज़रूरी है कि शिक्षा के लिए समाज को जगाया जाए।

दहेज़ के खिलाफ उठी आवाज़
social news: आज की इस बैठक में समाज में कैंसर की तरह से जड़ बना चुकी दहेज़ प्रथा को समाप्त करने के लिए लोगों ने आवाज़ बुलंद किया। बैठक में उपस्थित प्रबुद्ध लोगों ने भी इसका समर्थन किया। संस्था ने दहेज़ प्रथा के खिलाफ एक स्वर में उठी आवाज़ का समर्थन किया और समाज से दहेज़ प्रथा को समाप्त करने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए एक कमिटी बनाने का आश्वासन दिया।
तालीम सामाजिक विकास की सीढ़ी है
अलीगढ से यूपी सरकार में कार्यरत न्यायिक दंडाधिकारी सादिक अहमद ने कहा कि शिक्षा के बिना न तो किसी समाज का विकास संभव है और न ही किसी देश का। सादिक अहमद ने कहा कि आज के इस आधुनिक युग में जब युवा नित नए नए आयाम को हासिल कर रहे हैं, ऐसे समय में हमारा समाज मूक दर्शक बना हुआ है। अगर समाज की मुख्य धारा में शामिल होना है तो हमारे नौजवानों को कॉम्पटीशन की तैयारी करना होगा, ऊँची उड़ान के सपने देखना होगा और विकास की रेस में शामिल हो कर अपना मकाम हासिल करना होगा।

बुनियादी ढांचा मजबूत करने की आवश्यकता
बिहार के भभुआ से संस्था की बैठक में आये मुख्तार अहमद ने कहा कि हमने अपने बच्चों की बुनियादी शिक्षा पर ज़्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है और बच्चों की पढ़ाई का एक बजट बना कर उनकी तालीम को आगे बढ़ाना होगा। हमें संकल्प लेना होगा कि चाहे किराये के मकान में रहो लेकिन बच्चे को पढ़ाना ज़रुरु है। मुख्तार अहमद ने कहा कि हमारे समाज के ज़्यादातर युवा दसवीं या बारवीं के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं जिसके वजह से उनका भविष्य अधर में लटक जाता है, हमें इस ड्राप एजुकेशन को रोकना होगा और युवाओं को तकनिकी शिक्षा की तरफ अग्रसर होना पड़ेगा, जिससे कि उनेह रोजगार मिलने में आसानी होगी।
कार्यक्रम का समापन संस्था के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष हाजी यूनुस सिद्दीक़ी ने किया। उन्होंने उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया और संगठित हो कर संस्था के साथ कार्य करने का अनुरोध किया। इस बैठक में यूपी सरकार में कार्यरत सादिक अहमद सिद्दीक़ी, बिहार से मुख्तार अहमद, मयूर विहार से कमरुद्दीन सिद्दीक़ी, सनावर अहमद अलीगढ, मुशर्रफ अली दिल्ली, हाजी रईश दिल्ली, मोईनुद्दीन दिल्ली, रुस्तम दिल्ली, जियाउल दिल्ली, नूर मोहम्मद दिल्ली, मोहम्मद सफी दिल्ली, नज़रे आलम, डा शम्सुद्दीन, मोहम्मद असद अदि लोगों ने हिस्सा लिया।