Breaking News: दिल्ली में झुग्गी बस्तियों को गिराने की साजिश, गरीबों के साथ वादाख़िलाफ़ी -आतिशी
Breaking News: नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) ने शुक्रवार को गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली के शालीमार बाग और शाहदरा इलाकों की झुग्गी बस्तियों को तोड़ने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। पार्टी ने दावा किया कि यह कदम भाजपा और दिल्ली सरकार द्वारा गरीबों के साथ किए गए चुनावी वादों से मुकरने का प्रमाण है। इस विषय पर अभी तक भाजपा या दिल्ली सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा,
Breaking News: “भाजपा ने चुनाव से पहले झुग्गीवासियों को कार्ड बांटे थे, जिनमें वादा किया गया था— ‘जहां झुग्गी, वहीं मकान।’* यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद भरोसा दिलाया था कि जब तक वैकल्पिक आवास न मिले, तब तक कोई झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी।”
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले छह महीनों में राजधानी के अलग-अलग इलाकों में सैकड़ों झुग्गी बस्तियाँ ध्वस्त कर दी गई हैं।
शालीमार बाग और शाहदरा में नोटिस, 31 जुलाई तक हटाने का निर्देश
AAP के अनुसार, शालीमार बाग स्थित इंदिरा कैंप और शाहदरा के लालबाग क्षेत्र की बस्तियों को खाली करने के लिए नोटिस दिए गए हैं। इंदिरा कैंप को 15 दिनों के भीतर और लालबाग की झुग्गियों को 31 जुलाई तक हटाने का निर्देश है। Delhi News: दिल्ली में स्कूलों को लगातार बम से उड़ाने की धमकियां, तीसरे दिन भी हड़कंप; केजरीवाल बोले- भाजपा का जंगलराज
Breaking News: पूर्व विधायक वंदना कुमारी ने कहा कि यह नोटिस 23 जुलाई को जारी किया गया था और जिस इलाके में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता स्वयं निवास करती हैं, वहीं झुग्गीवासियों को उजाड़ने की तैयारी की जा रही है।
“गरीबों की ताकत को कमजोर मत समझिए” – आतिशी
आतिशी ने भावुक लहजे में कहा,
“ये वही लोग हैं जो इस शहर को रोज़ चलाते हैं — सफाई, निर्माण, परिवहन, और घरेलू सेवाएं इन्हीं के दम पर चलती हैं। अगर उन्हें हटाया गया, तो दिल्ली भी ठहर जाएगी।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि बिना पुनर्वास और स्थायी आवास की व्यवस्था किए किसी भी झुग्गी को तोड़ा जाना अमानवीय और संविधान विरोधी है। पार्टी ने इस फैसले के खिलाफ जोरदार विरोध और जनआंदोलन की चेतावनी दी है।
AAP का रुख स्पष्ट: बिना पुनर्वास, नहीं होने देंगे उजाड़
AAP नेताओं ने मांग की है कि जब तक प्रत्येक प्रभावित परिवार को वैकल्पिक और स्थायी आवास उपलब्ध न हो, तब तक किसी भी बस्ती को छेड़ा न जाए। उन्होंने इसे गरीब विरोधी नीति करार दिया और दिल्ली सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं।












