Noida DM Change: तेजतर्रार IAS मेधा रूपम बनीं नोएडा की नई डीएम, योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स को मिलेगी रफ्तार
नोएडा, उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक फेरबदल करते हुए नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) को एक नया जिलाधिकारी (DM) सौंपा है। 2014 बैच की चर्चित और तेजतर्रार IAS अधिकारी मेधा रूपम को कासगंज से स्थानांतरित कर नोएडा का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है। वहीं, अब तक नोएडा की कमान संभाल रहे IAS मनीष कुमार वर्मा को प्रयागराज स्थानांतरित कर दिया गया है।
मेधा रूपम के इस अहम पद पर आगमन को नोएडा के प्रशासनिक ढांचे के लिए एक सकारात्मक परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है। उनके पुराने अनुभव, तेज निर्णय क्षमता और विकास कार्यों को तेजी से क्रियान्वित करने की शैली के चलते यह उम्मीद जताई जा रही है कि गौतमबुद्ध नगर में चल रहे कई अहम परियोजनाओं को नई गति और दिशा मिलेगी।
नोएडा से पुराना नाता, अनुभवों का समृद्ध खज़ाना
यह पहला मौका नहीं है जब मेधा रूपम नोएडा में काम कर रही हैं। इससे पूर्व वे ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) में अतिरिक्त सीईओ (ACE0) के पद पर कार्यरत रह चुकी हैं। अपने कार्यकाल में उन्होंने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट और फिल्म सिटी परियोजना जैसे महत्वपूर्ण ड्रीम प्रोजेक्ट्स की निगरानी की थी।
इन दोनों परियोजनाओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में शीर्ष स्थान प्राप्त है, और मेधा रूपम की वापसी से इन योजनाओं को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया में और तेजी आने की प्रबल संभावना है।
प्रेरणा का स्रोत: मुख्य चुनाव आयुक्त पिता
मेधा रूपम की सफलता और प्रशासनिक सोच के पीछे एक प्रेरणादायक शख्सियत हैं — उनके पिता ज्ञानेश कुमार गुप्ता, जो वर्तमान में देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) के पद पर कार्यरत हैं। मेधा रूपम ने हमेशा यह स्वीकार किया है कि उनके पिता उनके जीवन में एक मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत रहे हैं।
उन्हीं की प्रेरणा से उन्होंने सिविल सेवा में कदम रखा और जल्द ही खुद को एक कुशल, सख्त और नीतिगत रूप से जागरूक अधिकारी के रूप में स्थापित किया।
तेजतर्रार कार्यशैली और सीएम योगी का भरोसा
IAS मेधा रूपम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विश्वासपात्र अधिकारियों में गिना जाता है। वे निर्णय लेने में न केवल तेज हैं बल्कि संकट प्रबंधन, कानून व्यवस्था, और औद्योगिक विकास जैसे क्षेत्रों में उनकी पकड़ बहुत मजबूत मानी जाती है।
कासगंज में डीएम रहते हुए भी उन्होंने कानून-व्यवस्था को सख्ती से लागू किया, और योजनाओं के क्रियान्वयन में अनुकरणीय तत्परता दिखाई। उनके कार्यकाल को शासन स्तर पर काफी सराहना मिली।
नोएडा की चुनौतियां और मेधा रूपम की प्राथमिकताएं
गौतमबुद्ध नगर जिला, जिसमें नोएडा और ग्रेटर नोएडा दोनों शामिल हैं, उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक और शहरी केंद्र माना जाता है। यह जिला निवेश, रोजगार और अवसंरचना विकास के लिहाज से प्रदेश के लिए एक इंजन की तरह काम करता है।
मुख्य चुनौतियां और प्राथमिकताएं जो अब मेधा रूपम के सामने होंगी:
- जेवर एयरपोर्ट परियोजना की तेज़ प्रगति सुनिश्चित करना
- फिल्म सिटी के निर्माण कार्य को गति देना
- शहरी यातायात व्यवस्था में सुधार
- भूमि अधिग्रहण और किसानों से संवाद
- महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की सख्त निगरानी
- नोएडा अथॉरिटी और GNIDA में तालमेल और पारदर्शिता बढ़ाना
नोएडा को नई जिलाधिकारी के रूप में IAS मेधा रूपम का मिलना न केवल प्रशासनिक दृष्टि से बल्कि विकास और सुशासन के लिहाज से भी एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। उनके अनुभव, सख्त प्रशासनिक नियंत्रण और मुख्यमंत्री के साथ मजबूत तालमेल की बदौलत उम्मीद की जा रही है कि नोएडा एक बार फिर यूपी के विकास मॉडल का चमकता सितारा बनेगा।