Ramcharitmanas Controversy : स्वामी प्रसाद मौर्या के समर्थन में उतरे पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह
रामचरितमानस पर विवादित बयान दे कर चारो तरफ से घिरे सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या को यूपी के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का समर्थन मिल गया है। गौरतलब है कि हिन्दुओं के धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस की एक चौपाई के खिलाफ ब्यान देने वाले समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या आज कल विवादों में घिरे नज़र आ रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्या पर जहां चरों तरफ से राजनैतिक हमला हो रहा है वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने समर्थन किया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार में डीजीपी रहे सुलखान सिंह का साथ मिलने से स्वामी प्रसाद मौर्य भले ही राहत महसूस कर रहे हों लेकिन धार्मिक संस्थाओं और हिंदूवादी संगठनों के निशाने पर हैं।
हिंदूवादी संगठनों के विरोध से उल्ट डीजीपी सुलखन सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है कि रामचरितमानस पर किसी जाति और वर्ग का विशेष का अधिकार नहीं है। उन्होंने लिखा प्रदूषित व अमानवीय ग्रंथों की निंदा तो करनी ही होगी। भारतीय ग्रंथों ने समाज को गहराई से प्रभावित किया। ग्रंथों में जातिवाद, ऊंच नीच व छुआछूत स्थापित किया गया। पीड़ित व्यक्ति / समाज अपना विरोध तो व्यक्त करेगा ही। भारतीय ग्रंथों पर एकाधिकार नहीं जताना चाहिए। हिंदू एकता के लिए इनका विरोध करना जरूरी भी है। यह शोषित वर्ग हिंदू समाज में ही रहना चाहता है। साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि हिन्दू समाज की एकता के लिए यह ज़रूरी है कि लोगों को अपना विरोध प्रकट करने दिया जाये। भारतीय ग्रंथ सबके हैं।
सुलखन सिंह ने लिखा है कि अतिउत्साहित उच्च वर्ग के हिन्दू जाति के लोग हर ऐसे विरोध को गाली-गलौज और निजी हमले करके दबाना चाहते हैं। यह वर्ग चाहता है कि सदियों से शोषित वर्ग, शोषण का विरोध न करे, क्योंकि वह इसे धर्म विरोधी बताते हैं।












